अगले सत्र से कम हो सकता है बेग का वजन ( school bag weight ) डोटासरा ने कहा कि इसके तहत जयपुर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लेते हुए राज्य के सभी 33 जिलों के एक-एक स्कूल में बस्ते के बोझ को कम करने के प्रयास के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। बस्ते के बोझ को कम करने के आए परिणामों की समीक्षा की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि अगले वर्ष कक्षा एक से पांच तक के अंतर्गत राज्य के 65 हजार विद्यालयों में बस्ते का बोझ कम करने की परियोजना को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए।
एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गए इस अवसर पर झुंझुनूं जिले को ‘इनोवेशन हब फॉर एक्सीलेंस इन स्कूल एजुकेशन‘ के रूप में विकसित करने के लिए शिक्षा विभाग एवं पीरामल फाउण्डेशन के मध्य एमओयू पर भी हस्ताक्षर किये गये।
मंत्री ने बताया कि झुंझुनूं को भारत में ‘पीआईएसए‘ (प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट) के लिए तैयार रहने वाला पहला जिला बनाने का लक्ष्य राज्य सरकार ने मॉडल के रूप में रखा है। इसके तहत छात्रों को सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से सक्षम बनाने के लिए एक अत्याधुनिक पाठ्यक्रम लागू करने का प्रयास राज्य सरकार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झुन्झुनू जिले से करेगी।
शिक्षा में हो रहे नवाचारों की दी जानकारी राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ और राज्य परियोजना निदेशक अभिषेक भगोतिया ने स्कूल शिक्षा में हो रहे नवाचारों के साथ ही बस्ते का बोझ कम किए जाने के संबंध में हुए कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।