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असमंजस में पेरेंट्स, स्कूल फीस जमा कराएं या नहीं

locationजयपुरPublished: Jul 04, 2020 06:32:18 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

कोविड-19 के लॉक डाउन की वजह से तीन महीने तक लोग घरों में ही कैद रहे। ना दुकानें खुली ना दफ्तर। इसक चलते लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई। सरकार ने पानी—बिजली के बिल माफ तो नहीं किए, लेकिन उन्हें स्थगित कर दिया। मगर अब सरकार ने इसकी वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं। इसी तरह निजी स्कूलों में लॉक डाउन के दौरान फीस नहीं मांगी, मगर अब स्कूलों ने फीस वसूली शुरू कर दी है।

असमंजस में पेरेंट्स, स्कूल फीस जमा कराएं या नहीं

असमंजस में पेरेंट्स, स्कूल फीस जमा कराएं या नहीं

जयपुर।

कोविड-19 के लॉक डाउन की वजह से तीन महीने तक लोग घरों में ही कैद रहे। ना दुकानें खुली ना दफ्तर। इसक चलते लोगों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई। सरकार ने पानी—बिजली के बिल माफ तो नहीं किए, लेकिन उन्हें स्थगित कर दिया। मगर अब सरकार ने इसकी वसूली के आदेश जारी कर दिए हैं। इसी तरह निजी स्कूलों में लॉक डाउन के दौरान फीस नहीं मांगी, मगर अब स्कूलों ने फीस वसूली शुरू कर दी है।
मगर लॉक डाउन की वजह से आर्थिक तंगी की वजह से लोग फीस जमा कराने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। लोगों की इस समस्या को देखते हुए भाजपा जहां पानी—बिजली के बिल माफ करने की मांग कर रही है, वहीं कांग्रेस नेताओं ने स्कूल फीस, बिजली बिल में रियायत की मुख्यमंत्री से मांग की है। इसे लेकर कांग्रेस विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मुलाकात भी कर चुका है। सीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
मगर इन सबके बीच अभिभावक असमंजस की स्थिति में हैं कि फीस जमा कराएं या नहीं। स्कूल फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं। पिछले कई दिनों में शहर के कई बड़े नामी स्कूलों के बाहर अभिभावक नो स्कूल नो फीस की मांग को लेकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। कांग्रेस विधायकों के सीएम से मुलाकात के बाद तो कई अभिभावक फिलहाल सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं, ताकि उन्हें इस आर्थिक तंगी में कुछ राहत मिल सके। हालांकि शहर के कुछ स्कूलों में फीस में 20 से 30 प्रतिशत तक रियायत दी है, लेकिन आज भी ज्यादातर स्कूल पूरी फीस लेने पर आमादा है।

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