अभिभावकों का कहना है कि बच्चों को शिक्षा देने के नाम पर निजी स्कूल तिजोरी भरने में जुटे हैं। इसके लिए जायज के साथ नाजायज तरीके भी खूब अपना रहे हैं। भारी फीस वृद्धि, एकसाथ 3 या 6 महीने की फीस लेकर ब्याज बटोरने का सिलसिला तो चल ही रहा है, बच्चों से एडमिशन फीस भी हर साल ले रहे हैं। यानी एक ही स्कूल एक ही बच्चे का हर साल नए सिरे से एडमिशन कर रहा है लेकिन शिक्षा विभाग और जिम्मेदार अफसर मौन हैं।
इतना सा काम, इतने ‘दाम’ : स्कूल सिर्फ बच्चे का नाम पिछली कक्षा से काटकर अगली कक्षा के हाजिरी रजिस्टर में दर्ज करते हैं। इतनी सी प्रकिया के लिए 2 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक हर साल एडमिशन फीस ले रहे हैं। मध्यम स्तर का स्कूल भी हर साल एडमिशन फीस से 20-30 लाख रुपए तक कमा रहा है।
पहली तिमाही में ही जोड़ी: अभिभावक आपत्ति न करें, इसके लिए भी निजी स्कूलों ने रास्ता निकाल रखा है। एडमिशन फीस अलग से लेने की बजाय इसे कुल फीस की पहली तिमाही में ही जोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि पहली तिमाही के मुकाबले अन्य तिमाही की फीस में अंतर होता है। अभिभावक पूछताछ करें तो टालमटोल की जाती है या अन्य खर्च बताकर कन्नी काट ली जाती है।
हमें बताएं अपनी पीड़ा
अगर आप भी हो रहे हैं निजी स्कूलों की गलत वसूली के शिकार, आपसे भी ली जा रही है कई महीनों की फीस एकसाथ, तो हमें बताएं। वीडियो के रूप में अपनी परेशानी अपनी जुबानी हमें 9887144154 पर वाट्सऐप करें। यह वीडियो #schoolfees के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर करें।
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