script150 रुपए दैनिक भत्ते में स्कूल लेवल खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद… | School Level Players, Rs 150 Daily Allowance, hope better performance | Patrika News

150 रुपए दैनिक भत्ते में स्कूल लेवल खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद…

locationजयपुरPublished: Sep 01, 2019 07:56:21 pm

Submitted by:

Arvind Palawat

सरकार स्कूलों में खेलों के प्रोत्साहन की बात करती है, लेकिन खिलाड़ियों को दैनिक भत्तों के रूप में केवल नाममात्र की राशि दी जाती है।

150 रुपए दैनिक भत्ते में स्कूल लेवल खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद...

150 रुपए दैनिक भत्ते में स्कूल लेवल खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद…

सरकार स्कूलों में खेलों के प्रोत्साहन की बात करती है, लेकिन खिलाड़ियों को दैनिक भत्तों के रूप में केवल नाममात्र की राशि दी जाती है। एेसे में सवाल उठ खड़ा होता है कि आखिर सरकार किस तरह से बिना भत्तों के खेलों में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद खिलाडि़यों से करती है? हालांकि खेल दिवस पर करीब 50 रुपए दैनिक भत्तों में बढ़ोतरी की गई है, लेकिन वह भी खिलाड़ियों की डाइट और अन्य खर्चों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है।
दरअसल, राज्य सरकार खेलों के प्रोत्साहन की बात तो करती है, लेकिन खिलाड़ियों को जो दैनिक भत्ते की राशि मिलती है वह बहुत ही कम है। हालांकि सरकार कहती है कि स्कूली बच्चों को खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। लेकिन वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राजस्थान के स्कूली खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश और राज्य का नाम रोशन करने पर भी कोई विशेष प्रोत्साहन नहीं दिया जाता है। गौरतलब है कि जिला एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी करने वाले विद्यार्थियों को 150 रुपए और राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान 250 रुपए बतौर दैनिक भत्ता दिया जाता है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतनी कम राशि में एक प्लेयर किस तरह अपनी डाइट मेंटेंन करता होगा।
इतने रुपयों में दो वक्त का खाना भी मुश्किल
हालांकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का मानना है कि खेलों से ही स्वस्थ तन और स्वस्थ मन का विकास होता है। इससे विद्यार्थी पढ़ाई में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। लेकिन इसके बावजूद जो भत्ता दिया जाता है, उससे आज की महंगाई के दौर में दो वक्त का खाना भी मुश्किल हो पाता है।
इनका कहना है:

‘एक प्लेयर की डाइट में कई चीजें महत्वपूर्ण होती है। एक प्लेयर को दिन में दो समय का खाना और एक टाइम नाश्ता जरूरी होता है। इसके साथ ही हर मैच के बाद रिकवरी के लिए ज्यूस, फ्रूट, दूध आदि की सख्त आवश्यकता होती है। वहीं, टीम कम से कम दो मैच एक दिन में खेलती है। यह भत्ता नाकाफी है। हालांकि इसमें कुछ बढ़ोतरी अभी हुई है, लेकिन उसे और ज्यादा बढ़ाया जाना चाहिए था।’
दानवीर सिंह भाटी, पूर्व कप्तान, राजस्थान टीम बास्केटबॉल
‘शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल लेवल खिलाड़ियों को बहुत कम दैनिक भत्ता मिलता है। जितने का दैनिक भत्ता मिलता है, उतने में डाइट तो क्या खिलाड़ी ज्यूस और दूध ही पी जाते है। शिक्षा विभाग को सोचना चाहिए कि जब खिलाडि़यों को वे सुविधाएं नहीं देंगे तो उनसे बैटर परफॉर्मेंस की उम्मीद कैसे कर सकते है।’
योगेश, इंटनरनेशनल बास्केटबॉल प्लेयर
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