प्रदेश के स्कूल बने कोरोना स्पॉट,12 छात्र कोरोना पॉजिटिव
जयपुरPublished: Nov 23, 2021 09:22:23 pm
राजस्थान में शतप्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल शुरू होते ही ही बच्चों के कोविड पॉजिटिव होने के मामले सामने आने लगे हैं। राजधानी जयपुर में जयश्री पेड़ीवाल इंटरनेशनल स्कूल में एक ही दिन में 12 बच्चे कोविड पॉजिटिव आए हैं।
प्रदेश के स्कूल बने कोरोना स्पॉट
राजधानी जयपुर में जयश्री पेड़ीवाल स्कूल के 12 छात्र कोरोना पॉजिटिव
लक्षण दिखने पर करवाया गया था कोरोना टेस्ट
कई दिनों से होम क्वारंटीन थे बच्चे
वहीं अजमेर में भी बच्चे कोविड पॉजिटिव
अभिभावकों ने की ऑनलाइन क्लास शुरू करने की मांग
जयपुर
राजस्थान में शतप्रतिशत उपस्थिति के साथ स्कूल शुरू होते ही ही बच्चों के कोविड पॉजिटिव होने के मामले सामने आने लगे हैं। राजधानी जयपुर में जयश्री पेड़ीवाल इंटरनेशनल स्कूल में एक ही दिन में 12 बच्चे कोविड पॉजिटिव आए हैं। इसके बाद स्कूल प्रशासन ने एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद कर दिया। जानकारी के मुताबिक स्कूल से तकरीबन 185 बच्चों के सैम्पल लिए गए थे जिसमें एक 12 बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जयश्री पेड़ीवाल इंटरनेशनल स्कूल के कॉर्डिनेटर अनुज शर्मा के मुताबिक स्कूल डे बोर्डिंग है इसलिए लगातार स्कूलों का चैकअप किया जाता है। मुंबई से आया एक स्टूडेंट कोरोना पॉजिटिव मिला था, इसके बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग कर अन्य बच्चों के भी सैंपल लिए गए थे। इनमें 12 बच्चे पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद हमने एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद कर दिया है इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई चालू रहेगी जिससे बच्चे घर पर रहकर पढ़ सकें। वहीं अजमेर में भी एक स्कूली छात्र का कोविड पॉजिटिव होने का मामला भी सामने आया है।
दीपावली से अब तक 19 बच्चे मिले पॉजिटिव
गौरतलब है कि सरकार के निर्देश के बाद प्रदेश में 15 नवंबर से शत प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल शुरू हुए थे। तब से लेकर अब तक कुल 19 बच्चे कोविड पॉजिटिव राजधानी में मिल चुके हैं। इसमें से एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत तक हो चुकी है। पहले एसएमएस स्कूल फिर नीरजा मोदी स्कूल में एक बच्चा कोविड पॉजिटिव आया था।
ऑनलाइन क्लास शुरू करने की मांग
स्कूल में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद पेरेंट्स में डर का माहौल है। पैरेंट्स का कहना है कि सरकार को ऑनलाइन कक्षाएं फिर से शुरू करनी चाहिए और जब तक वैक्सीन नहीं लग जाती स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए।
संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द स्कूलों को अनिवार्यता के साथ ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के निर्देश जारी कर अभिभावकों को ऑप्सन उपलब्ध कराएं। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश के अभिभावकों सहित छात्र.छात्राओं के जीवन से खिलवाड़ करते हुए स्कूल, कॉलेज,कोचिंग संस्थानों और शादी समारोह को पूरी क्षमता के साथ खोलने की इजाजत देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। 15 नवम्बर को पूरी क्षमता के साथ खुले स्कूलों में पहले ही दिन 3 मामले सामने आए, अगले ही दिन 16 नवम्बर को 1 मामला फिर सामने आया, उसके बाद बुधवार 17 नवम्बर को भी आठ मामले सामने आए किन्तु सत्ता और प्रशासन ने मामले को दबाने के चलते सिर्फ 1 मामला दिखाया। उसके बाद सत्ता फेरबदल और मंत्रिमण्डल का प्रोपोगंडा चला जिसके चलते कोरोना महामारी पर ध्यान ही नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह वह मामले हैं जिनकी पुष्टि की गई है ,प्रदेश में ऐसे भी अनगिनत मामले है जिनको सार्वजनिक नहीं किया गया।
स्कूल आने का बना रहे दबाव
निवर्तमान शिक्षा राज्यमंत्री ने बनाया प्रदेश में भय का माहौल, एक तरफ खोदा कुआं तो दूसरी तरफ बनाई खाई
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक बिट्टू ने कहा कि निवर्तमान शिक्षा राज्यमंत्री के गैरजिम्मेदार बयान ने अभिभावकों के बीच डर का माहौल बनाया, शिक्षा राज्यमंत्री रहते गोविंद सिंह डोटासरा ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कहा था कि यह स्कूल और अभिभावकों के बीच का मसला है। मंत्री के इस बयान का निजी स्कूलों ने फायदा उठाते हुए अभिभावकों पर अनैतिक दबाव बनाया। गोविंद सिंह डोटासरा के गरजिम्मेदारा रवैये के चलते अभिभावकों को एक तरफ कुएं में धकेला जा रहा है तो दूसरी तरफ स्कूलों के जरिए खाई में धकेला जा रहा है। सत्ता और प्रशासन में कही भी अभिभावकों की कोई सुनवाई नहीं हो रही। राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निजी स्कूलों की कठपुतली बन अभिभावकों के जीवन को अंधकार में और छात्र.छात्राओं के भविष्य को कुचलने का काम कर रही है।
वहीं अभिभावक राजेंद्र माहेश्वरी ने कहा कि उनके दो बच्चे हैं लेकिन वह अब अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। प्रदेश में कोविड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार को ऑनलाइन क्लास फिर से शुरू करनी चाहिए।