स्कूलों की रुचि कम ही देखने को मिल रही है..
स्वच्छता के राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदेश के सरकारी स्कूलों की रुचि कम ही देखने को मिल रही है। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के लिए विद्यालयों की तरफ से संस्था प्रधान आवेदन ही नहीं कर रहे हैं , वहीं दूसरी तरफ जिला शिक्षा अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्वच्छता के राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदेश के सरकारी स्कूलों की रुचि कम ही देखने को मिल रही है। स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के लिए विद्यालयों की तरफ से संस्था प्रधान आवेदन ही नहीं कर रहे हैं , वहीं दूसरी तरफ जिला शिक्षा अधिकारी भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ये है योजना..
गौरतलब है कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय मिशन के तहत विद्यालयों में स्वच्छता व स्वास्थ्य जागरूकता की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालयों का चयन कर पुरस्कृत करने के लिए 1 सितम्बर से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय मिशन के तहत विद्यालयों में स्वच्छता व स्वास्थ्य जागरूकता की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत जिला, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालयों का चयन कर पुरस्कृत करने के लिए 1 सितम्बर से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है।
प्रगति समीक्षा में हकीकत आई सामने..
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के लिए आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन की प्रगति समीक्षा में पता चला की स्कूलों का पंजीयन बहुत ही कम हुआ है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया है।
स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार योजना के लिए आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन की प्रगति समीक्षा में पता चला की स्कूलों का पंजीयन बहुत ही कम हुआ है। निदेशक माध्यमिक शिक्षा नथमल डिडेल ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया है।
उन्होंने बताया कि..
बहुत कम संख्या में पुरस्कार के लिए आवेदन करना अधिकारियों की पर्यवेक्षण के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रति जागरूकता के अभाव को दर्शाता है। शत-प्रतिशत पात्र स्कूलों का हो पंजीयन..
निदेशक ने नोटिस के जरिए जिला शिक्षा अधिकारियों को पाबंद किया है कि समय रहते अपने क्षेत्र के शत-प्रतिशत पात्र विद्यालयों का पंजीयन स्वच्छता पुरस्कार के लिए कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं करने पर जिला शिक्षा अधिकारियों के विरूदृध कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी उनकी स्वयं की होगी।
बहुत कम संख्या में पुरस्कार के लिए आवेदन करना अधिकारियों की पर्यवेक्षण के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। यह राष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रति जागरूकता के अभाव को दर्शाता है। शत-प्रतिशत पात्र स्कूलों का हो पंजीयन..
निदेशक ने नोटिस के जरिए जिला शिक्षा अधिकारियों को पाबंद किया है कि समय रहते अपने क्षेत्र के शत-प्रतिशत पात्र विद्यालयों का पंजीयन स्वच्छता पुरस्कार के लिए कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं करने पर जिला शिक्षा अधिकारियों के विरूदृध कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी उनकी स्वयं की होगी।