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पढ़ाने की जगह शिक्षक कर रहे थे ये काम, शिक्षा मंत्री ने थमाया नोटिस

locationजयपुरPublished: Jan 18, 2021 02:13:50 pm

Submitted by:

Ankita Sharma

– दस माह बाद खुले स्कूल, क्या-क्या हुआ अनोखा जानें

पढ़ाने की जगह शिक्षक कर रहे थे ये काम, शिक्षा मंत्री ने थमाया नोटिस

पढ़ाने की जगह शिक्षक कर रहे थे ये काम, शिक्षा मंत्री ने थमाया नोटिस

– कहीं स्टूडेंट्स की राह में बिछाए गए फूल, तो कहीं टीचर्स मास्क लगाना गए भूल

जयपुर। कोरोना महामारी के बीच पिछले साल मार्च माह में बंद हुए प्रदेश के स्कूल आज दस माह बाद एक बार फिर से खुले। हालांकि पहले दिन अधिकांश स्कूलों में काफी कम संख्या में स्टूडेंट्स पहुंचे। कहीं कई जगह अध्यापकों की लापरवाहियां भी सामने आईं। कुछ स्कूल-कॉलेजों में तो टीचर्स स्टूडेंट्स का इतंजार करते रहे, लेकिन बच्चे तय समय से भी दो से ढाई घंटे बाद पहुंचे। गौरतलब है कि आज से केवल 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को ही स्कूल में बुलाया गया है। वहीं कोरोना के कारण स्कूलों की व्यवस्थाओं में कई परिवर्तन दिखाई दिए। पहले जहां बच्चे सीधे स्कूल में प्रवेश करते थे तो उन्हें अब स्कूल के मुख्यद्वार पर सेनेटाइज होने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश दिया गया। बच्चों को सीधे क्लास में भेजा गया। जहां पर वे अपने दोस्तों के पास बैठने की बजाय सोशल डिस्टेंस के कारण दूर—दूर बैठे नजर आए। वहीं कॉलेज, कोचिंग संस्थान भी आज से खुल चुके है।
शिक्षा मंत्री ने दो शिक्षकों को किया एपीओ, प्रिंसिपल व पीटीआई को नोटिस जारी

शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा आज सीकर जिले के कई स्कूलों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। रींगस इलाके के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बावड़ी में व्यवस्थाएं देख शिक्षा मंत्री ने स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। यहां पीटीआई प्रिंसिपल कक्ष में चाय बनाते हुए मिले। जबकि दो शिक्षक बिना सोशल डिस्टेंस की पालना करते हुए और बिना मास्क लगाए हुए बैठे मिले। इस पर शिक्षा मंत्री ने दोनों शिक्षकों को तत्काल एपीओ कर दिया। वहीं प्रिंसिपल और पीटीआई को नोटिस जारी किया गया है।
यहां बच्चे पहले पहुंचे, टीचर्स बाद में

जयपुर के गांधी नगर स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक अजीब स्थिति देखने को मिली। यहां पर बच्चे सुबह करीब 9 बजे स्कूल पहुंच गए और स्टाफ उनके बाद पहुंचा। ऐसे में सवाल यह उठ खड़ा हुआ कि जब बच्चे स्कूल में जल्दी पहुंच जाएंगे और स्टाफ देर से आएगा तो किस तरह कोरोना गाइडलाइन की पालना होगी। हालांकि स्कूल प्रिंसिपल का कहना था कि स्कूल का समय सुबह 9.30 बजे से निर्धारित किया गया है। ऐसे में स्टाफ का जल्दी आने का कोई औचित्य नहीं था हालांकि फिर भी स्टाफ 9.15 से 9.20 बजे के करीब स्कूल आ गया था।
घंटों के इंतजार के बाद आए कुछ बच्चे

वहीं गांधी सर्किल स्थित पोद्दार स्कूल की ऊपरी मंजिल पर संचालित हो रहे राजकीय महाविद्यालय जयपुर में पूरा स्टाफ तय समय पर कॉलेज में आ चुका था , लेकिन यहां सुबह ग्यारह बजे तक एक भी स्टूडेंट नहीं आया। घंटों के इंतजार के बाद कॉलेज में नाममात्र के स्टूडेंट्स पहुंचे।
बच्चों की राह में बिछाए फूल

ेवहीं ब्यावर के राजकीय पटेल उच्च विद्यालय में बच्चों का अनोखा स्वागत किया गया। यहां स्कूल वापस खुलने का उत्साह टीचर्स के साथ ही स्टूडेंट्स में भी साफ नजर आया। सुबह तय समय से काफी पहले स्टाफ स्कूल पहुंचा और विद्यार्थियों के रास्ते में फूल बिछाए गए। स्कूल आने वाले हर विद्यार्थियों को फूल भेंट किए गए। टीचर्स द्वारा ऐसा स्वागत देख बच्चे भी हैरान रह गए। उनके चेहरे खुशी से खिल उठे।
माता—पिता की ली गई लिखित सहमति


आज से केवल वे ही विद्यार्थी स्कूल जा सके, जिनके माता—पिता ने लिखित सहमति दी। बिना लिखित सहमति बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया। साथ ही कंटेनमेंट जोन के बाहर के संस्थान ही खुले। जहां ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही है, वहां विद्यार्थियों को भौतिक रूप से उपस्थित होने के बजाय ऑनलाइन उपस्थिति की प्राथमिकता दी गई है। बच्चों और शिक्षकों के लिए मास्क अनिवार्य है। वहीं, संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान के प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू के साथ ही पदाधिकारियों ने स्कूलों का दौरा किया औेर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

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