खराब आर्थिक स्थिति से मिली प्रेरणा
हस्तरेखा मशीन के आविष्कारक दिलीप नाहटा ने बताया कि मैं एक जैन परिवार से हूं, लेकिन ज्योतिष में शुरू से ही मेरी रुचि रही है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। सभी सदस्यों को काफी संघर्ष करना पड़ता था। जब परिवार की यह स्थिति देखता था तो मुझे लगता था कि ज्योतिष में कोई ऐसा तरीका तो होगा जिससे मेरी और मेरे परिवार की स्थिति सुधर सके। बस यहीं से मुझे इस क्षेत्र में कुछ ऐसा करने की प्रेरणा मिली जिससे लोगों का भी भला हो सके।
हस्तरेखा मशीन के आविष्कारक दिलीप नाहटा ने बताया कि मैं एक जैन परिवार से हूं, लेकिन ज्योतिष में शुरू से ही मेरी रुचि रही है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी। सभी सदस्यों को काफी संघर्ष करना पड़ता था। जब परिवार की यह स्थिति देखता था तो मुझे लगता था कि ज्योतिष में कोई ऐसा तरीका तो होगा जिससे मेरी और मेरे परिवार की स्थिति सुधर सके। बस यहीं से मुझे इस क्षेत्र में कुछ ऐसा करने की प्रेरणा मिली जिससे लोगों का भी भला हो सके।
पहले बनाई थी छोटी मशीन नाहटा ने शुरूआत में वर्ष 2013 में छोटी मशीन बनाई थी। उसमें एक ही खण्ड था और उसी के आधार पर लोगों को इससे भविष्य बताकर वे उसका परीक्षण करने लगे। जब उनकी भविष्यवाणियां सच साबित होने लगीं तो इसका विस्तार करते हुए तीन खण्ड वाली मशीन वर्ष 2016 में तैयार की और उससे हस्तरेखा की गणना करते हुए भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी हासिल होने लगी।
ज्योतिष सम्मेलन में जुटेंगे देशभर के विद्वान
शहर के आराध्य गोविन्ददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में श्रीराधा गोविन्द ज्योतिष सम्मेलन रविवार को होगा। गोविन्ददेवजी मंदिर और आर्ष दिग्दर्शक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में देशभर से ज्योतिष, रमल, टैरो, हस्तरेखा, ताड़पत्र आदि के करीब 300 विद्वान शामिल होंगे।
शहर के आराध्य गोविन्ददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में श्रीराधा गोविन्द ज्योतिष सम्मेलन रविवार को होगा। गोविन्ददेवजी मंदिर और आर्ष दिग्दर्शक ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में देशभर से ज्योतिष, रमल, टैरो, हस्तरेखा, ताड़पत्र आदि के करीब 300 विद्वान शामिल होंगे।