पीके गोयल और नरेशपाल गंगवार का भी लिया नाम राठौड़ ने बूंदी के वेयर हाउस का मामला भी उठाया। उन्होंने कहा कि छह साल पहले नाबार्ड ने बूंदी में 200 करोड़ रुपए की लागत से वेयर हाउस बनाने के लिए पैसा मंजूर किया। मगर निर्माता कंपनी ने 245 करोड़ रुपए का भुगतान ले लिया। इस पर आईएएस पीके गोयल ने लिखा कि इसकी बैंक गारंटी जप्त की जाए। मगर एक बड़े अधिकारी लिखते है और टेलीफोन करते हैं कि गारंटी जप्त नहीं होनी चाहिए। गोयल ने मामले की एसीबी जांच कराने के लिए उच्चाधिकारी को लिखा। प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने कहा भी उन्हें पत्र मिल गया, लेकिन मामला दाखिल दफ्तर हो गया। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।
मंत्री करवाते हैं चरण वंदना जिला प्रशासन, प्रशासनिक सेवाओं, राजस्व और पेंशन एवं सेवानिवृति की अनुदान मांगो पर बोलते हुए राठौड़ ने कहा कि सदन में बैठे एक मंत्री अपने जिले के कलक्टर से चरण वंदना करवाकर आशीर्वाद देते हैं। राठौड़ ने कहा कि अधिकारी अपनी चल-अचल संपत्ति की घोषणा भी नहीं करते हैं। यही नहीं 25 हजार तक गिफ्ट लेने की अनुमति है। इससे ज्यादा का गिफ्ट होने पर सरकार को सूचित करना होता है, लेकिन कोई इसकी सूचना नहीं देता।