गत वर्षों में इनमें भी नया ट्रेंड देखा जा रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस आदि बीमारियां वर्ष के शुरुआत से अंत तक देखने को मिल रही है। जबकि इन्हें बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियां माना जाता था।
बारिश आई नहीं, उससे पहले सक्रिय हुआ मच्छर इस साल बारिश का दौर थमने से पहले ही सरकारी आंकड़ों में मच्छर जनित बीमारी डेंगू के करीब 500 मामले दर्ज हो चुके हैं। मलेरिया के अब तक 12 केस मिले हैं। दुनिया की बात करें तो हर साल इनसे होने वाली बीमारियों के हमले से हर साल हजारों लोग शिकार होते हैं। अभी बारिश शुरू भी नहीं हुई और राजधानी डेंगू के केस 150 पार हो चुके हैं। नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम की सरकार सक्रिय नहीं है। निगम की स्वास्थ्य शाखा के चिकित्सकों के अनुसार अभी उन्हें चिकित्सा विभाग की गाइडलाइन का इंतजार है। हालांकि कुछेक स्थानों पर स्प्रे कराए गए हैं।
मच्छर पनपने के बड़े कारण . स्थानीय प्रशासन की ओर से मच्छर नियंत्रण के इंतजामों की कमी, गंदगी, जमा पानी और साफ सफाई का अभाव
. आमजन में जागरुकता की कमी
. इलाज से पहले इन मच्छरों के उन्मूलन पर कार्य नहीं किया जाता, जबकि इनसे प्रतिवर्ष जूझना पड़ रहा है
. लोग घरों के आस—पास डंपिंग जोन बना लेते हैं, जहां नियमित कचरा नहीं उठाने से कचरे के ढेर लगे
. नालियों की समय पर सफाई नहीं, जिससे उनमें गंदा पानी जमा रहता है। इससे वहां मच्छर पनपते हैं।
. सालाना आने वाली इस मुसीबत से निपटने के लिए जनप्रतिनिधियों क अहम भूमिका हो सकती है, लेकिन यह नजर नहीं आती।
... इस साल अब तक इतने मिले रोगी राज्य
डेंगू 467
मलेरिया 12
चिकनगुनिया 49 जयपुर जिला बीमारी 2019 2020 2021 2022
स्क्रब टायफस 395 283 423 43
मलेरिया 38 3 4 0
डेंगू 3731 574 4074 154
चिकनगुनिया 355 478 324 13
स्वाइन फ्लू 2225 56 9 0
.. हम अपने घर व कार्यस्थल के आस पास सफाई रखकर, गंदा या साफ ठहरने की स्थितियों को दूर कर मच्छरजनित बीमारियों का खतरा 50 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। सरकार तो प्रयास हर साल करती ही है। आमजन की भागीदारी भी बढ़ जाए तो यह मुहीम और आसान हो सकती है।
डॉ.अशोक गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ
डॉ.अशोक गुप्ता, शिशु रोग विशेषज्ञ
... 140 साल से कोशिशें, अब भी नियंत्रण नहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2008 से प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को मलेरिया के प्रति जागरूकता के लिए मलेरिया दिवस मनाया जाता है
सोचने की बात है की 1880 में मलेरिया पर पहला अध्ययन किया गया, लेकिन आज वर्ष 2022 तक हम इस पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पा सके हैं। बरसात का दौर थमने के साथ ही प्रदेश की लैबों पर मच्छर जनित बीमारियों का भार बढ़ता जाता है।
जितेन्द्र सिंह, अध्यक्ष लैब टेक्नीशियन संघ
सोचने की बात है की 1880 में मलेरिया पर पहला अध्ययन किया गया, लेकिन आज वर्ष 2022 तक हम इस पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं पा सके हैं। बरसात का दौर थमने के साथ ही प्रदेश की लैबों पर मच्छर जनित बीमारियों का भार बढ़ता जाता है।
जितेन्द्र सिंह, अध्यक्ष लैब टेक्नीशियन संघ
यह बोली निगम की अधिकारी ग्रेटर नगर निगम की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रश्मि कांकरिया ने बताया कि जल्द ही टीमें बनाकर सतत फोगिंग कराई जाएगा। वहीं, हैरिटेज निगम की मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सोनिया अग्रवाल ने बताया कि अभी शिकायतों का निस्तारण स्प्रे करवाकर किया जा रहा है। आने वाले दिनों में अभियान चलाया जाएगा।