कोरोना के साथ अब बारिश के मौसम में डेंगू के डंक का खतरा भी
जयपुरPublished: Aug 25, 2020 12:28:55 pm
जयपुर . Rainy Season में Seasonal Diseases का खतरा काफी बढ़ गया है। इन दिनों काफी संख्या में लोग बीमार होने पर डॉक्टरों से संपर्क कर रहे हैं। Doctors भी दवा के साथ-साथ मरीजों को इस मौसम में कैसे सावधान रहें, इसके Tips बता रहे हैं।
जयपुर . बारिश के मौसम ( Rainy Season ) में मौसमी बीमारियों ( Seasonal Diseases ) का खतरा काफी बढ़ गया है। इन दिनों काफी संख्या में लोग बीमार होने पर डॉक्टरों से संपर्क कर रहे हैं। डॉक्टर्स ( Doctors ) भी दवा के साथ-साथ मरीजों को इस मौसम में कैसे सावधान रहें, इसके टिप्स ( Tips ) बता रहे हैं। कोरोना के कहर के बीच मौसमी बीमारियों ने डॉक्टरों के सामने नई मुसिबत खड़ी कर दी है।
प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल सहित अन्य सरकारी और निजी अस्पतालों में इन दिनों मौसमी बीमारियों से पीडि़तों की संख्या में इजाफा होने लगा है। हालांकि यह संख्या अभी कम है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि बरसात के चलते मच्छर जनित बीमारियां तेजी से फैलेंगी। ऐसे में लोगों को मच्छरों से बचने के लिए हर संभवन उपचार करना चाहिए।
बारिश के मौसम में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारियां यानी डेंगू, स्क्रब टायफस, मलेरिया व जीका के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन दोनों ही बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो जाता है। यही कारण है कि यह बच्चों और वृद्धों में ज्यादा पाई जाती है। इस तरह की बीमारी का इलाज होने के बाद भी इससे हुई कमजोरी से उबरने में काफी समय लग जाता है। इसलिए सबसे बेहतर यही है कि मच्छरों से खुद का बचाव करें।
डॉक्टरों का कहना है कि मच्छरों से बचाव के लिए यह जरूरी है कि अपने घर के आस-पास कहीं भी पानी जमा न होने दें। बारिश में कई जगह पानी एकत्र हो जाता है, जिससे मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है। कूलर आदि चीजों को भी साफ करते रहें ताकि मच्छर न बढ़े। मच्छरों का आतंक हर जगह रहता है। इसलिए चाहे घर में और बाहर मच्छरों से सावधान रहना जरूरी है। खासकर घर में अगर बच्चे हैं तो सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बरसात के समय नमी के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है। खुले शरीर होने से मच्छर ज्यादा काटते हैं। इसलिए पूरी बांह की शर्ट व पेंट पहनना जरूरी है।
———
ये है मच्छरों से बचाव का सही तरीका -:
– घरों के आस-पास पानी जमा नहीं होने दें
– कूलर के पानी को रखे साफ. सुथरा
– छतों पर कबाड़ को इकठ्ठा नहीं होने दें
– रात को सोते समय ओढ़कर सोएं