एक स्कूल में संभलेगी व्यवस्था तो दूसरी की बिगड़ेगी डेपुटेशन आदेश के अनुसार संबंधित प्रिंसीपल व शिक्षक को मूल स्थान से हटाया नहीं गया। शाला दर्पण पोर्टल पर न तो ऑनलाइन कार्यमुक्त किया जाएगा और न ही नए स्थान पर जॉइन करवाया जाएगा।
यानी कि ऑनलाइन रिकार्ड में संबंधित शिक्षक पुराने स्थान पर ही रहेंगे। हालांकि उनकी जिम्मेदारी केवल उसी स्थान की होगी, जिस पर उन्हें कार्य व्यवस्था के लिए लगाया गया है। वहीं पुराने स्कूल में शिक्षक का पद कागजों में तो भरा रहेगा, लेकिन वास्तविकता में खाली रहेगा। प्रिंसीपल का पद रिक्त होने पर उसकी जिम्मेदारी सबसे सीनियर शिक्षक संभालेंगे।
इनका किया डेपुटेशन कम तबादला – जालौर से प्रधानाचार्य रवि पारीक को कार्यव्यवस्था के नाम पर बिरासना, जमवारामगढ़ लगाया गया है। लेकिन, शाला दर्पण के माध्यम से कार्यग्रहण और कार्यमुक्ति नहीं की जाएगी। उनका सारा विवरण पुराने स्कूल में ही रहेगा।
– लेवल प्रथम की महिला शिक्षक सविता कुमारी को सरदारपुरा मोरली, सिरोही से झुंझुनूं के स्कूल में शिक्षण व्यवस्थार्थ लगाया गया। वेतन मूल पदस्थापन सिरोही के स्कूल से ही बनेगा। प्रतिनियुक्ति का यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जाएगा।
– भूगोल व्याख्याता स्नेह सुमन शर्मा को दौलतपुरा, लालसोट, दौसा से कार्य व्यवस्थार्थ दादिया, सांगानेर से आदर्श नगर जयपुर में लगाया गया। कार्य व्यवस्था के लिए किसी भी शिक्षक को कहीं भी लगाया जा सकता है। जहां आवश्यकता थी, वहां प्रतिनियुक्ति की गई है।
– नथमल डिडेल, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा