गौरलतब है कि पत्रिका में 15 जनवरी को ‘दस दिन में दो बच्चों की कब्र से श्वानों ने निकाले कंकाल’ शीर्षक से खबर प्रकाशित हुई थी। जिसमें बताया गया था कि यहां श्वान कब्रों को खोदकर अंदर से नरकंकाल तक निकाल लेते हैं। सुरक्षा के नाम पर यहां कोई मुस्तैद नहीं है। पत्रिका में मामला उजागर होने के बाद राजस्थान मुस्लिम परिषद के अध्यक्ष युनूस चोपदार ने सीएम समेत अन्य विभागों को पत्र लिखकर कब्रिस्तान की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है। वहीं वक्फ बोर्ड के चेयरमैन खानू खान बुधवाली ने कहा कि कब्रिस्तान कमेटी के साथ मीटिंग कर सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाए जाएंगे, ताकि शवों की बेकद्री न हो।
बिना संसाधन पहुंची टीम, बाद में मोहल्लों से पकड़े श्वान सोमवार को कब्रिस्तान में हेरिटेज निगम के पशु प्रबंधन की गाड़ी आई। लेकिन उनके पास श्वान पकड़ने के लिए कोई संसाधन ही नहीं था। ऐसे में कब्रिस्तान में जमा स्थानीय लोगों ने कहा कि जब संसाधन ही नहीं हैं तो टीम आई ही क्यों है। एक घंटे बाद यहां दूसरी गाड़ी आई। जिसके बाद ठेकेदार के दो कर्मचारियों ने छोटे जाल से श्वान पकड़ने की कोशिश की लेकिन एक श्वान भी कब्रिस्तान से नहीं पकड़ पाए। बाद में आसपास के मोहल्लों से दूसरी टीम ने सात श्वान पकड़कर खानापूर्ति की।
युवाओं की टीम भी जुटी शास्त्री नगर कब्रिस्तान की बदहाली को देखते हुए स्थानीय जागरूक युवाओं ने एक टीम बनाकर यहां देखरेख करने का काम शुरू किया है। टीम ने जानवरों द्वारा निकाले गए बच्चों के कई शवों को भी फिर से दफनाया है। इसके अलावा ये लोग श्वानों द्वारा नुकसान पहुंचाई गई कब्रों की मरम्मत करते हैं और कब्रिस्तान में आने वाले लोगों की सुविधाओं के मुद्दों पर काम कर रहे हैं। टीम में अबरार अहमद, मोहम्मद नईम, मोहम्मद शाहरूख, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद सईद, मोहम्मद आदिल, हाजी अब्दुल सलाम, आरिफ कुरैशी, मोहम्मद अनवर, अब्दुल रहमान और मोहम्मद मोहसिन मुख्य रूप से जुड़े हुए हैं।