नाटक में शाब्दिता शर्मा ने डिप्रेशन से पीडि़त युवती का किरदार निभाया है जो रोज रात को मन बहलाने के लिए अनजान लोगों को फोन कॉल करती है , फोन उठाने वाला व्यक्ति अपना समझ कर बात करता है और यह युवती भी उस व्यक्ति की कल्पना की अनुसार बात कर अपने आप को ढाल लेती है।
नाटक में शाब्दिता शर्मा ने डिप्रेशन से पीडि़त युवती का किरदार निभाया है जो रोज रात को मन बहलाने के लिए अनजान लोगों को फोन कॉल करती है , फोन उठाने वाला व्यक्ति अपना समझ कर बात करता है और यह युवती भी उस व्यक्ति की कल्पना की अनुसार बात कर अपने आप को ढाल लेती है।