-रामभक्तों को पूजा से नहीं रखा जाए दूर : कृपालु उधर, निष्काम सेवा ट्रस्ट के महंत रामचंद्र दास ने रामलला को स्थानांतरित किए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि पूजा हालांकि पारंपरिक विधि विधान से ही संपन्न कराई जानी चाहिए। एक अन्य संत संतराम भूषण कृपालु ने कहा कि रामभक्तों ने जन्मभूमि के लिए त्याग भावना के साथ लंबा संघर्ष किया है और अब अच्छा नहीं लगेगा कि उन्हे पूजा से दूर रखा जाए।
-अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में निरंतर इजाफा इस बीच सुप्रीम कोर्ट का फैसला जन्मभूमि के पक्ष में आने के बाद अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। शनिवार को उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने से पहले यहां आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद महज 2500 थी, जो रविवार को बढ़कर साढे पांच हजार से ऊपर पहुंच गई। सोमवार शाम तक सात हजार से अधिक श्रद्धालु रामनगरी में अपनी आमद दर्ज करा चुके थे। हालांकि सामान्य दिनो में रामजन्मभूमि के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की तादाद 10 हजार के आस-पास रहती है जो त्योहारी मौसम में बढ़ कर 50 हजार को पार कर जाती है।