आपको बता दें कि परीक्षा में सफल रहे लेकिन नियुक्ति से वंचित चयनित अभ्यर्थियों ने बार बार आंदोलन और धरने दिए। इसके बाद उच्च वरीयता वाले अभ्यार्थियों के लिए सरकार ने वर्ष 2003 और 2006 में नियुक्ति आदेश जारी कर दिए नियुक्ति नहीं दी गई । सरकार ने 4 कमेटी गठित की लेकिन मामला जस की तस रहा। लंबे समय से नियुक्ति की मांग कर रहे इन चयनित शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पर धरना भी दिया, तब शिक्षा मंत्री ने सरकारी अधिकारियों को भेज कर आश्वासन दिया कि नियुक्ति आदेश जल्द ही जारी कर दिया जाएगा लेकिन 7 माह गुजरने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिली है।
विधानसभा में उच्च का मामला आपको बता दें कि पूरा मामला विधानसभा में भी उठ चुका है तकरीबन 13 विधायकों ने इस प्रकरण पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया और मांग की कि इन वंचित चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दी जानी चाहिए लेकिन इसके बाद भी अब तक कुछ नहीं हुआ है ।
अब आंदोलन की तैयारी में चयनित
शिक्षक सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे शिक्षकों ने अब एक बार फिर नियुक्ति आदेश जारी करने की मांग की है अखिल राजस्थान चयनित शिक्षक संघ 1998 के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पालीवाल का कहना है कि यदि आप भी सरकार सुनवाई नहीं करती तो वह करो या मरो की नीति अपनाते हुए प्