आपके लक्ष्य हो स्पष्ट
यदि अपने कॅरियर को अलग बनाना चाहते हैं या फिर एक सफल इंसान बनना चाहते हैं तो सबसे पहले स्वयं से यह प्रश्न करें कि आप क्या अलग कर सकते हैं यानी आपके लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट होने चाहिए। इसके साथ ही जिन कामों को आप समय नहीं दे पा रहे हैं, उनके लिए समय निकालें।
स्वयं निर्णय करना सीखें
जब हम बड़े हो जाते हैं तो किसी भी काम को शुरू करने से पहले अन्य लोगों की अनुमति नहीं लेते हैं। इसी तरह अपने जीवन को अनुशासित बनाने के लिए आपको स्वयं से निर्णय लेना सीखना होगा। एक लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ ही आपको दूसरे लक्ष्य की ओर बढऩा होगा। इस तरह पहले से ही योजना तैयार रखें।
सभी कामों की लिस्ट तैयार करें
अनुशासित बनने के लिए जरूरी है कि आपके पास हमेशा एक लिस्ट होनी चाहिए, किन कामों को कितनी देर में पूरा करना है। इससे आप काम के प्रति जिम्मेदार बनेंगे। इसमें आप पर्सनल और प्रोफेशनल, दोनों टारगेट को शामिल करें। इस तरह हर काम को अपनी लिस्ट के अनुसार ही पूरा करें।
पहले से हो तैयारी
आपके लक्ष्य क्या हैं और उन्हें कितने में समय में प्राप्त करना है, इसके बारे में आपकी पहले से ही तैयारी होनी चाहिए। माना आप फूड हैबिट्स को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप जब यह टारगेट शुरू करें, उससे पहले से ही अपनी डाइट को कम करना शुरू कर दें। इस तरह अनुशासित रहने की आदत बनेगी।
आपके लक्ष्य क्या हैं और उन्हें कितने में समय में प्राप्त करना है, इसके बारे में आपकी पहले से ही तैयारी होनी चाहिए। माना आप फूड हैबिट्स को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप जब यह टारगेट शुरू करें, उससे पहले से ही अपनी डाइट को कम करना शुरू कर दें। इस तरह अनुशासित रहने की आदत बनेगी।
तकनीक का उपयोग
अनुशासित बनाने में तकनीक भी उपयोगी हो सकती है। अपनी हर एक एक्टिविटी के लिए टाइम सेट करने से आपको पता चलेगा कि आपने कितना समय खराब कर दिया। इसी तरह हेल्थ टारगेट को अचीव करना है तो नई तकनीक की मदद से आप जरूरी डेटा रिकॉर्ड कर एनालिसिस कर सकते हैं।
अनुशासित बनाने में तकनीक भी उपयोगी हो सकती है। अपनी हर एक एक्टिविटी के लिए टाइम सेट करने से आपको पता चलेगा कि आपने कितना समय खराब कर दिया। इसी तरह हेल्थ टारगेट को अचीव करना है तो नई तकनीक की मदद से आप जरूरी डेटा रिकॉर्ड कर एनालिसिस कर सकते हैं।
अपनी बात रखें आत्मानुशासन से आपका जीवन भी सरल हो जाएगा। इसलिए उन बातों पर ध्यान दें, जिनसे आप घबराते हंै। माना ऑफिस में किसी बात से परेशान हैं तो बॉस के सामने अपनी बात रखने से घबराना नहीं चाहिए। इसके लिए आप सुबह का समय चुनें, क्योंकि इस समय आपका एनर्जी लेवल अच्छा होगा। इसलिए आत्मविश्वास को कमजोर न होने दें एवं परिस्थितियों का मुकाबला करें।
विफलता से सीखें हमेशा इस बात को याद रखें कि विफलता ही सफलता की सीढ़ी है। दरअसल, बहुत से लोग अनुशासित तो बनना चाहते हैं लेकिन एक-दो दिन भी इस संकल्प को पूरा नहीं कर पाते हैं। किसी भी तरह की गलती होने पर वे हार मान लेते हैं, लेकिन यह सही तरीका नहीं है। अपनी आदतों को सुधारने के लिए आपको बार-बार प्रयास करना होगा। अपनी हर गलती से कुछ न कुछ नया सबक लेना चाहिए।