सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर प्रदेश के सभी 33 जिलों के लिए एक-एक सरकारी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने की घोषणा की। घोषणा के बाद से ही सारी व्यवस्थाएं आनन-फानन में चली। 30 मई 2019 को तो विभाग ने स्कूल चयनित करने के आदेश दिए। 14 दिन बाद 14 जून को ही स्कूलों का चयन कर स्कूलों की सूची जारी कर दी। 16 दिनों में आवेदन प्रक्रिया पूरीकर एक जुलाई से स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया। बिना किसी पूर्व तैयारी के आनन-फानन में शुरू किए गए संचालन का ही नतीजा है कि अभी तक विद्यार्थियों की यूनीफार्म विभाग तय नहीं कर पाया। जबकि अब दूसरे सत्र के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं।
बिना यूनिफार्म के बच्चों में पनपती है हीन भावना
यूनिफार्म का उद्देश्यबराबरी की भावना का होता है। एक डे्रस होने से गरीबी-अमीरी के बीच का फर्क खत्म हो जाता है। बच्चों पर इसका काफी फर्क पड़ता है। कई बार तो बच्चे हीनभावना का शिकार हो जाते हैं। पढ़ाई से ज्यादा उनका ध्यान डे्रस पर ही रहता है। एक ड्रेस होने से लोगों को भी पता चलता है कि बच्चा किस संस्थान का है। इसलिए डे्रस बहुत ही आवश्यक है, आखिर ड्रेस की शुरुआत भी इसलिए की गई थी।
बैठक हुई है… शिक्षा विभाग शीघ्र ही अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों का डे्रस कोड तय करेगा। इसे लेकर वीडियो कॉन्फेंस हुई है। – ओमशंकर श्रीमाली, डीईओ, माध्यमिक राजसमंद