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अमरीका मंगल और चांद पर बसाएगा इंसानी बस्ती

locationजयपुरPublished: May 12, 2019 05:26:21 pm

Submitted by:

pushpesh

-पिछले दिनों उपराष्ट्रपति माइक पेंस की घोषणा के बाद अभियान पर विचार तेज

-पिछले दिनों उपराष्ट्रपति माइक पेंस की घोषणा के बाद अभियान पर विचार तेज

अमरीका मंगल और चांद पर बसाएगा इंसानी बस्ती

जयपुर.

पहले चंद्रमिशन के 50 वर्ष पूरे होने पर अमरीका फिर चांद पर न केवल उतरने, बल्कि इंसानी बस्तियां बसाने पर विचार कर रहा है। अमरीकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पिछले दिनों घोषणा की थी कि हम चंद्रमा पर वापस जा रहे हैं। पूर्व अंतरिक्ष यात्री बज एल्ड्रिन का कहना है कि मैं इस मामले में पेंस के साथ हूं। 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग, बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स अपोलो-11 मिशन में चांद पर गए थे। मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण, राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ अमरीका की तकनीकी श्रेष्ठता साबित करना था। बज कहते हैं, हमने यह मानव जाति की भलाई के लिए किया। अभी इसकी और आवश्यकता है। चांद पर आज कई देशों की नजर है। चीन और रूस से लेकर यूरोप और मध्य पूर्व के देशों तक। चांद के सभी पहलुओं की खोज, इसकी संरचना के साथ ही जलीय और ब्रह्मंाडीय अतीत के बारे में अध्ययन के लिए अमरीका को टीम लीडर के रूप में काम करना चाहिए। मंगल की अबूझ पहेली को अभी रोबोट और रोवर्स से सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मैं मानवरहित मिशन के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन इसमें मानवीय सहयोग जरूरी है। ऐसा करने के लिए अमरीका को मंगल ग्रह को मानवीय मिशन बनाने के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकता में रखना होगा। मेरा मतलब ये नहीं है कि कुछ फौरी प्रयासों के लिए करदाताओं के करोड़ों डॉलर खर्च करवा दिए जाएं। अब अमरीका की नजर मंगल ग्रह पर इंसानी बसावट पर होनी चाहिए। हालांकि ऐसे मिशनों की प्रक्रिया और योजनाओं को लेकर काफी किताबें लिखी जा चुकी हैं, लेकिन भविष्य के अगले कदम और ठोस प्रयासों के बिना ये कल्पना के सिवा कुछ नहीं है। अमरीकी काल्पनिक चीजें लिखने और इन्हें हकीकत में बदलने में माहिर हैं। हमने बुध, जेमिनी और अपोलो के रूप में इसे किया भी। अब समय है मिशन की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने का। अगले कदम में चांद पर वापसी और वहां बस्तियां बसाने का हो सकता है। ये सारी संभावनाएं अब इंसानी पहुंच में हैं और अमरीका इसे पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है। जिस तरह पूर्व राष्ट्रपति कैनेडी को अमरीका चंद्र अभियान के लिए याद करता है, जहां मैंने और नील ने अपने पदचिह्न छोड़े थे। उसी तरह ट्रंप सरकार को चंद्रमा और मंगल ग्रह पर इंसानों की स्थायी बस्ती बसाने के लिए दशकों तक याद किया जाएगा। मानव स्वभाव और क्षमताएं हमेशा ब्रह्मांड में पहुंच की इच्छा रखती हैं। इसे उत्सुकता कहें या गणना, रणनीतिक योजना कहें अथवा भाग्य, हमें क्षमताओं के मुताबिक आगे बढऩा जरूरी है। इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से खुशी है कि हम चांद पर वापस जा रहे हैं और अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप और उप राष्ट्रपति पेंस को उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देता हूं। लेकिन मुझे लालग्रह के मिशन का इंतजार है। (लेखक और पूर्व अंतरिक्ष यात्री बज एल्ड्रिन को एडविन एल्ड्रिन के नाम से भी जाना जाता है।)
भारत भी इस वर्ष मंगल और चांद पर भेजेगा दूसरा मिशन
भारत इस वर्ष चांद और मंगल पर अपना दूसरा मिशन भेजने की तैयारी में है। चंद्रमा पर अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 भेजा गया था। इसी तरह नवंबर 2013 में महत्वाकांक्षी मंगल मिशन को मंगल की कक्षा में भेजा था। चंद्र मिशन इस वर्ष जुलाई और मंगलयान अक्टूबर में भेजा जाएगा।
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