जयपुर। प्रदेश की 10 नगर निगमों में से सात(Seven out of 10 municipal corporations ) की महापौर(Mayor) महिलाएं होंगी(women)। जयपुर की दोनों नगर निगमों की कमान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महिलाओं के हाथ में होगी। स्वायत्त शासन भवन में रविवार को निकाली गई लॉटरी में महापौर की 10 सीटों में से सात सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई। जयपुर नगर निगम हेरिटेज और जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मुखिया अब ओबीसी महिला होंगी। रविवार को प्रदेश की 196 नगरीय निकायों (196 Local bodies lottery withdrawn) की लॉटरी निकाली गई।
-दस नगर निगमों की कहानी -जयपुर के दोनों नगर निगमों में ओबीसी महिला होंगी महापौर। -जोधपुर की दोनों नगर निगमों में महापौर सामान्य महिला रहेंगी। -कोटा नगर निगम उत्तर की महापौर एससी महिला होगी, जबकि कोटा दक्षिण सामान्य के लिए आरक्षित हुआ।
-बीकानेर नगर निगम की महापौर सामान्य महिला होंगी। -भरतपुर की अनुसूचित जाति (एससी) महिला के लिए आरक्षित रहेगा। -अजमेर एससी महिला महापौर होंगी। -उदयपुर में सामान्य ओबीसी महापौर रहेगा। …………………
-10 निगम…34 नगर परिषद…152 नगर पालिका प्रदेश की 196 नगरीय निकायों की लॉटरी निकाली गई। इनमें 10 नगर निगम, 34 नगर परिषद, 152 नगर पालिकाओं के महापौर, सभापति व अध्यक्ष पद की लॉटरी निकाली गई। जयपुर संभाग की 47 नगरीय निकायों में 5 अनुसूचित जाति और 10 ओबीसी के लिए आरक्षित हुई। वहीं 32 सामान्य रही। इनमें 16 निकायों की मुखिया महिलाएं होंगी। लॉटरी शुरू होने से पहले ही दो पार्टियों के प्रतिनिधियों ने विरोध किया और लॉटरी शुरू होने से पहले ही बाहर निकल गए। लॉटरी में महापौर विष्णु लाटा भी पहुंचे, लेकिन जैसे ही जयपुर की दोनों नगर निगमों की लॉटरी ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षित हुई, वे निकल गए।
-जयपुर संभाग में 16 निकायों की मुखिया महिलाएं जयपुर संभाग में कुल 47 नगरीय निकायों में से अनुसूचित जाति के लिए 5 निकाय आरक्षित हुए, जिनमें खाटूश्यामजी (महिला), बांदीकुई (महिला), चाकसू, पिलानी, राजगढ़ (अलवर) शामिल हैं। वहीं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 10 निकाय आरक्षित हुए हैं, इनमें जयपुर हैरिटेज (महिला), जयपुर ग्रेटर (महिला), महुआ (महिला), थानागाजी, मण्डावा, फ तेहपुर-शेखावाटी, खैरथल, शाहपुरा , उदयपुरवाटी तथा रींगस आरक्षित किए गए। सामान्य 32 निकायों में से सामान्य महिलाओं के लिये 11 निकाय आरक्षित हुए, इनमें किशनगढ़बास, सूरजगढ़, खेतड़ी, विद्याविहार, झुंझुनूं, लोसल, नीमकाथाना, लालसोट, दौसा, फुलेरा तथा विराटनगर शामिल हैं। २१ निकाय सामान्य रहेंगे, जिनमें चौमूं, सांभर, फु लेरा, जोबनेर, बगरू, किशनगढ़ रेनवाल, अलवर, खेड़ली, तिजारा, भिवाड़ी, बहरोड़, सीकर, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़-शेखावाटी, श्रीमाधोपुर, खंडेला, बिसाऊ, नवलगढ़, चिड़ावा, बग्गड़ व मुकुंदगढ़ शामिल है।
-दूसरी बार जयपुर की कमान ओबीसी महिला के हाथ जयपुर में यह दूसरा मौका है, जब महापौर ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किया गया है। इससे पहले नगर निगम के दूसरे बोर्ड में ओबीसी वर्ग की निर्मला वर्मा को महापौर बनाया गया था। कार्यकाल के बीच में ही निर्मला वर्मा का निधन हो जाने के बाद शील धाभाई को जयपुर महापौर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
-तीन महिलाएं रह चुकी महापौर जयपुर नगर निगम में तीन महिलाएं महापौर रह चुकी है। पहली निमला वर्मा महापौर बनी, वर्मा के निधन के बाद शील धाबाई को महापौर बनाया गया। इसके बाद चौथे बोर्ड में ज्योति खंडेलवाल को जनता ने महापौर चुना। अब जयपुर में दो नगर निगम बनने के बाद दोनों निगमों में महापौर महिला होंगी।
-अरमानों पर फिरा पानी कांग्रेस : जयपुर के दोनों नगर निगमों के लिए महापौर की सीट ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षित होने से महापौर की दौड़ में शामिल कई नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया। जयपुर की दोनों सीटें ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने के बाद लॉटरी में पहुंचे महापौर विष्णु लाटा बीच में ही उठकर निकल गए। वहीं कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा, ज्योति खंडेलवाल, पुष्पेंद्र भारद्वाज सहित कई नेताओं के मंसूबों पर पानी फिर गया।
भाजपा : उधर, भाजपा से मेयर के दावेदारों सुमन शर्मा, मोहनलाल गुप्ता, संजय जैन, सुनिल कोठारी व राघव शर्मा के मंसूबों पर भी पानी फिर गया। अब दोनों ही पार्टियों को महापौर के दावेदार के रूप में ओबीसी महिला को ढूंढना होगा।