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लुहाकना के लाल ने दुश्मन को चटाई थी धूल, गोलाबारी का दिया था मुंहतोड़ जवाब

locationजयपुरPublished: Feb 08, 2021 01:11:13 pm

Submitted by:

santosh

जम्मू कश्मीर के पुंछ में 8 फरवरी 2020 को पाकिस्तानी गोलाबारी का मुंहतोड़ जबाव देते हुए शहीद हुए लुहाकना खुर्द गांव निवासी नायक राजीव सिंह शेखावत की शहादत को एक वर्ष बीत गया।

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आंतेला. जम्मू कश्मीर के पुंछ में 8 फरवरी 2020 को पाकिस्तानी गोलाबारी का मुंहतोड़ जबाव देते हुए शहीद हुए लुहाकना खुर्द गांव निवासी नायक राजीव सिंह शेखावत की शहादत को एक वर्ष बीत गया। लेकिन पाकिस्तानी सेना की नापाक हरकतों को याद कर परिजनों के जख्म हरे हैं। लुहाकना के युवा, बुजुर्गों और महिलाओं सहित पूर्व सैनिकों का पाकिस्तान से बदला लेने के लिए खून खोल उठता है। राजीव सिंह की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि लुहाकना गांव निवासी जांबाज जवान भारतीय सेना की 5वीं राजपूत बटालियन में नायक पद पर तैनात था। वीर सपूत की पहली बरसी पर शहीद के परिजन जांबाज नायक को याद कर उदास हैं।

लुहाकना खुर्द निवासी नायक राजीवसिंह की शहादत की पहली बरसी की पूर्व संध्या पर पत्रिका संवाददाता शहीद के घर पहुंचा तो शहीद के माता-पिता कमरे में बैठे थे और उसका 11 वर्षीय बेटा अधिराज साथियों के साथ खेल रहा था। वहीं वीरागंना उषा कंवर एकान्त में दूसरे कमरे में बैठी पति राजीव सिंह की तस्वीर को निहार रही थी। जैसे ही शहीद के परिजनों से बातचीत शुरू की तो देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी देने वाले अपने लाल की शहादत को लेकर माता-पिता को गर्व तो था, लेकिन जांबाज बेटे की याद करते हुए माता पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। शहीद के पिता शंकरसिंह बोले की बेटे की शहादत पर गर्व तो है लेकिन उसकी बहुत याद आती है।

शाबासी में गुजरा जीवन
शहीद की माता उषा कंवर बोली एक साल हो गए, एक भी दिन नहीं जाता कि बेटा राजीव याद नहीं आता। राजीव का जन्म 18 फरवरी 1984 को जम्मू कश्मीर स्थित सैनिक अस्पताल में हुआ था। राजीव के जन्म पर नर्सिंगकर्मियों ने बहादुर बेटे के जन्म पर शाबासी दी, लेकिन कलेजे के ट़ुकड़े ने दुश्मन की सेना की गोलाबारी का मुंहतोड़ जबाव देते हुए देश के लिए प्राणों की कुर्बानी देकर असली शाबासी दिलाई। राजीव का जीवन शाबासी में बीता है। यह बोलते हुए शहीद की माता की रूलाई फूट पड़ी।

बेटा 11 साल का हो गया
इस दौरान शहीद की माता बोली की राजीव शहादत पर गर्व है। उसका बेटा अधिराज 11 साल का हो गया है। जब भी अधिराज को देखते हैं तो बेटा राजीव की यादें जेहन में जिन्दा हो जाती है। शहीद का पुत्र अधिराज भी दुश्मन से बदला लेने के लिए भारतीय सेना में भर्ती होना चाहता है।

वीरागंना का छलका दर्द, बोली फोन का इंतजार
बातचीत के दौरान अपने पति को याद कर वीरांगना उषा कंवर की आंखों से आंसू छलक पड़े। बोली की पल-पल उनकी याद सताती है। हम उस दिन को भुला नहीं पा रहे हैं। ऐसा लगता है उनका फोन जरूर आएगा। 11 वर्षीय बेटे अधिराज की ओर इशारा कर बोली कि जिन्दगी में पहाड़ सा टूट पड़ा है। अब इसी के सहारे अपना समय व्यतीत करते हैं। इसके बाद वीरांगना शहीद राजीव की तस्वीर को लेकर निहारने लगी।

परिजन बोले, इन घोषणाओं का इंतजार
इस दौरान शहीद परिजनों ने बताया कि प्रदेश सरकार, भारतीय सेना व केन्द्र से आर्थिक पैकेज तो मिल गया। लेकिन एक साल बीतने बाद भी सरकारी विद्यालय का शहीद के नाम नामकरण नहीं हुआ है। वहीं शहीद स्मारक के लिए मिलने वाली सहायता राशि भी नहीं मिली है। ऐसे में परिजन ही अपने स्तर पर स्मारक बनाकर शहीद की मूर्ति का अनावरण करवा रहे हैं। जबकि परिवहन एवं सैनिक कल्याण बोर्ड मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यर्वर्धन सिंह राठौड़ सहित कई जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का अवगत करा चुके हैं।

मूर्ति अनावरण एवं तिरंगा रैली
लुहाकना खुर्द निवासी शहीद नायक राजीवसिंह शेखावत की शहादत की पहली बरसी पर सोमवार को मूर्ति अनावरण एवं तिरंगा रैली का आयोजन किया जाएगा। तिरंगा रैली ग्राम भाबरू से रवाना होकर मुख्य मार्गों से होकर लुहाकना खुर्द शहीद स्मारक स्थल पहुंचेगी। तिरंगा रैली में कई जनप्रतिनिधियों सहित ग्राम भाबरू, लुहाकना, सूरजपुरा, बहादुरपुरा, ढाणी गैसकान आदि गांवों के लोग हिस्सा लेंगे।

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