पीडि़ता के पति ने लिखित रिपोर्ट दी थी जिसमें कहा कि रात को मेडिकल आईसीयू में उसकी बीमार पत्नी अकेली थी। उसके मुंह में वेंटिलेटर का पाइप लगा हुआ था। रूम में उपस्थित नर्सिंगकर्मी ने उसकी पत्नी को गलत तरीके से छूते हुए निजी अंगों से छेड़छाड़ की। पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज करते हुए आरोपी नर्सिंगकर्मी खुशीराम को गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट में ट्रायल के दौरान पीडि़ता ने कोर्ट में कहा कि उसको पता नहीं कि उसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ हुई है। इसी के साथ उसके पति ने भी पत्नी के साथ किसी तरह की गलत हरकत किए जाने की जानकारी से इनकार कर दिया। अन्य गवाह भी पुलिस में दिए गए बयानों से कोर्ट में मुकर गए।
पीडि़ता, उसके पति सहित अन्य गवाह हुए पक्षद्रोही खुद पीडि़ता, उसके पति सहित अन्य गवाहों को कोर्ट ने पक्षद्रोही घोषित कर दिया। पीडि़ता सहित अन्य महत्वपूर्ण गवाहों के बयानों से बदल जाने से अभियोजन की पूरी कहानी कोर्ट के सामने बिखर गई। इसका सीधा फायदा आरोपी पक्ष को मिला।