शलजम हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती देती है, क्योंकि इसमें विटामिन सी और बिटा-कैरोटीन की अच्छी मात्रा होती है। विटामिन सी कैंसर, हृदय रोग और एक अच्छे एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करने और श्वेत रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देता है। इसमें पाया जाना वाला पोटेशियम मसल्स और नर्व को मजबूती देता है।
शलजम हड्डियों को मजबूती देती है। शलजम में पोटेशियम और कैल्शियम खूब होता है जो ओस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करता है। कैल्शियम शरीर के संयोजी ऊतकों के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे हड्डियों की बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है। नियमित शलजम का उपयोग कर हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं।
शलजम हमारे पाचन को दुरूस्त रखती है। शलजम में फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि ग्लूकोसिनोलेट्स पेट के बैक्टीरिया की मदद करते हैं जो पाचन को आसान बनाने में मदद करते हैं। पाचन प्रक्रिया खराब है तो शलजम का उपयोग कर पाचन प्रक्रिया को मजबूत कर सकते हैं।
आप चाहते हैं कि आपकी आंखें स्वस्थ रहें तो आप शलजम का सलाद या सूप जरूर पीया करें। इनमें पाए जाने वाला लूटीन केरोटेन्वाइड मोतियाबिंद और मस्कूलर डिजेनेरेशन से आपकी हिफाजत करता है। शलजम से हम आंखों संबधी विभिन्न तरह की परेशानी से बचते हैं और हमारी आंखें स्वस्थ बनी रहती हैं।
शलजम हृद्य के लिए भी फायदेमंद रहती है। शलजम में मौजूद विटामिन ‘ए’ के कारण यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। यह गुण हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों को रोकने में मदद करता है। शलजम फोलेट का भी अच्छा स्रोत है जो हृदय प्रणाली को मजबूती देने में सहायक होता है।
शलजम में एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह विटामिन मुक्त कणों से लड़ते हैं और उन्हें समाप्त करते हैं जो त्वचा पर झाुर्रियां बढ़ाने का कारण बनता है। इस प्रकार शलजम उम्र बढऩे के संकेतों जैसे कि चेहरे के दाग, धब्बे, झाुर्रियां आदि को कम करने में मदद करती है। आप भी शलजम का उपयोग कर उम्र के असर को कम कर सकते हैं।
शलजम न सिर्फ हमें कई बीमारी से बचाती है, बल्कि यह हमारी त्वचा के लिए भी फायदेमंद होती है। रोजाना शलजम का जूस पीने से त्वचा में रूखापन नहीं आता। इसके नियमित सेवन से आपकी त्वचा पर कील-मुहांसे या दाग-धब्बे नहीं होंगे। यह त्वचा में निखार लाने में भी मददगार होती है।