ज्योतिषाचार्य शालिनी सालेचा के अनुसार शनि अमावस्या के साथ बड़पूजन अमावस्या, वटसावित्री व्रत ( Vat Savitri Vrat 2020 ) भी है। इसी दिन सुहागन महिला अपने पति की लंबी आयु व सुखमय जीवन के लिए वट-वृक्ष की पूजा करेंगी। इसलिए कई जगहों पर लोग इस अमावस्या को वट अमावस्या भी कहते है। सुहागन महिलाएं सोलह शृंगार कर व निर्जला व्रत रख अपने पति की लंबी आयु व सुखमय जीवन के लिए वट-वृक्ष की पूजा करेंगी। साथ ही वट-वृक्ष के नीचे बैठ कर सावित्री व सत्यवान की कथा ( vat savitri puja 2020 ) भी सुनेंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित दामोदर शर्मा ने बताया कि इस बार चार ग्रह एक ही राशि में होंगे। वृष राशि में सूर्य, चंद्र, बुध और शुक्र होंगे। मकर राशि में शनि, बृहस्पति के होने से नवम पंचम योग बनेगा। इस दौरान सभी राशि के लोगों को शनि की आराधना करना विशेष फलदाई रहेगा। वहीं मिथुन, तुला राशि के जातकों को ढैय्या और धनु, मकर, कुंभ राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती ( Shani Sade Sati ) से राहत मिलेगी। ग्रहों के इस संयोग ( Shani Dasha Effects ) से देश की अर्थ— कानून व्यवस्था और व्यापारिक नीतियों में बदलाव होगा। ऐसे लोग जिनपर शनि की साढ़ेसाती व शनि दोष से पीड़ित है, इनके लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन वह शनिदेव की पूजा कर अपने कुंडली से इन्हें दूर कर सकते हैं।