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Pushya Nakshatra भूमि-मकान, ज्वेलरी, वाहन, इलेक्ट्रिॉनिक्स, फर्नीचर खरीदना शुभ पर इस काम का मिलता है तुरंत परिणाम

locationजयपुरPublished: Dec 05, 2020 09:20:28 am

Submitted by:

deepak deewan

ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र ब होता है जोकि नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। यह नक्षत्र बहुत शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और देवता बृहस्पति हैं। बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह हैं और स्थिरता के प्रतीक हैं। पुष्य नक्षत्र में इन दोनों के गुण समाहित होते हैं। यही वजह है कि पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ किए गए कार्य शुभ, सफल और चिरस्थाई माने जाते हैं।

Shani Pushya Nakshatra Importance Of Shani Pushya Nakshatra

Shani Pushya Nakshatra Importance Of Shani Pushya Nakshatra

जयपुर. ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र ब होता है जोकि नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। यह नक्षत्र बहुत शुभ माना जाता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और देवता बृहस्पति हैं। बृहस्पति सबसे शुभ ग्रह हैं और स्थिरता के प्रतीक हैं। पुष्य नक्षत्र में इन दोनों के गुण समाहित होते हैं। यही वजह है कि पुष्य नक्षत्र में प्रारंभ किए गए कार्य शुभ, सफल और चिरस्थाई माने जाते हैं। नया व्यवसाय शुरू करने के लिए ये सबसे अच्छा मुहूर्त है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि पुष्य नक्षत्र में कोई भी नया कार्य बेहिचक शुरू किया जा सकता है. खरीदारी करने के लिए भी यह श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है। पुष्य नक्षत्र में भूमि या मकान खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। ज्वेलरी, वाहन, सोना.चांदी, इलेक्ट्रिॉनिक्स, फर्नीचर, कपड़े आदि खरीदना भी अच्छा होता ह। चूंकि पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई सामग्री स्थिर बनी रहती है इसलिए महंगी वस्तुएं खरीदना बेहतर रहता है।
ज्योतिष की दृष्टि से पुष्य नक्षत्र में खरीदारी करना बहुत शुभ माना गया है. खास बात यह है कि सभी राशियों के लोगों लिए पुष्य नक्षत्र में खरीदी शुभ रहती है। ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा के अनुसार पुष्य नक्षत्र अति शुभ फलदायी है। पुष्य नक्षत्र का योग सभी प्रकार के दोषों को समाप्त कर देता हैै। इस नक्षत्र में किए गए सभी कार्य चिरस्थाई होते हैं। नक्षत्र देवता बृहस्पति के अनुरूप इस अवधि में नीति निर्धारण या ज्ञान विज्ञान से संबंधित काम अग्रणी बनाते हैं।
दिसंबर के पहले सप्ताह में 5 दिसंबर 2020 को पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन यानि शनिवार को दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा, उसके बाद अश्लेषा नक्षत्र लग जाएगा। 5 दिसंबर 2020 को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर चन्द्रमा और पुष्य नक्षत्र की युति भी होगी। यह बहुत शुभ संयोग होगा। शनिवार को दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक पुष्य नक्षत्र के दौरान न केवल खरीदारी की जा सकती है बल्कि इस अवधि में पूजापाठ का भी त्वरित फल मिलेगा।

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