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Shani Pradosh Vrat 2020 : शनि के कष्ट कम करने का सबसे सुनहरा अवसर, यह पाठ होगा फलदायी

locationजयपुरPublished: Aug 01, 2020 08:35:01 am

Submitted by:

deepak deewan

1 अगस्त को सावन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है. इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस बार यह तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है जोकि शनि पूजा के लिए भी शुभ है। सावन माह का यह अंतिम शनि प्रदोष व्रत हैं, इस दिन शनि और शिव पूजा से कई कष्टों का निवारण किया जा सकता है।

Shani Pradosh Vrat 2020 Ka Mahatava

Shani Pradosh Vrat 2020 Ka Mahatava

जयपुर. 1 अगस्त को सावन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी है. इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। इस बार यह तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है जोकि शनि पूजा के लिए भी शुभ है। सावन माह का यह अंतिम शनि प्रदोष व्रत हैं, इस दिन शनि और शिव पूजा से कई कष्टों का निवारण किया जा सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार वैसे तो सभी प्रदोष व्रत अत्यंत कल्याणकारी होते हैं लेकिन शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अलग महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को अर्क प्रदोष व्रत, सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत, मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत और शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat) कहा जाता है। अलग-अलग दिन के हिसाब से इस पावन व्रत का फल अलग-अलग प्राप्त होता है।

शनि प्रदोष व्रत शनि देव के कष्ट कम करने के लिए सबसे अच्छे उपायों में माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि शनि प्रदोष व्रत रखने से शनि से संबंधित दुख—दर्द दूर होने लगते हैं। इस दिन पीपल की पूजा करने के भी फायदे बताए गए हैं। संतान सुख के लिए भी शनि प्रदोष व्रत फलदायी कहा गया है। इस दिन व्रत रखने से संतान दीर्घायु होती है। साथ ही निस्संतान दंपत्ति को इस व्रत के प्रभाव से संतान की प्राप्ति होती है। व्रती को शनि देव की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए, सात बार हनुमानचालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे शनिदेव प्रसन्न् होते हैं.
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