शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में शाम को विशेष झांकी के दर्शन कराए गए। ठाकुरजी को खीर और खीरसा भोग लगाया गया। ठाकुरजी के समक्ष खाट सजा कर सतरंज झांकी सजाई गई। इस बार खीर का वितरण श्रद्धालुओं में नहीं किया गया। मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि गोविंददेवजी मंदिर भक्तों के लिए 30 नवंबर तक बंद है। कार्तिक मास में भक्त आॅनलाइन ही झांकियों के दर्शन करेंगे।
पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में शरद पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। महंत अलबेली माधुरी शरण के सानिध्य में ठाकुरश्रीजी के महारास झांकी के दर्शन कराए गए।ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण करवाकर खीर का भोग लगाया गया। चांदनी चौक स्थित मंदिरश्री आनंदकृष्ण बिहारीजी में सुबह ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण करवाकर विशेष शृंगार किया गया। शाम को ठाकुरजी को खीर का भोग लगाया गया।
रामगंज बाजार स्थित मंदिरश्री लाड़लीजी में शरद पूर्णिमा महोत्सव पर ठाकुरजी को श्वेत पोशाक, कटकाछनी, मोर मुकुट, बंधी धारण करवाई गई। इस मौके पर गोस्वामी वंशी अलि पद गायन के दौरान रास पंचाध्यायी का संगीतमय गायन किया। जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित प्रेमभाया मंडल समिति द्वारा युगल कुटीर में प्रेमभाया सरकार को नवीन धवल पोशाक धारण करवाकर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार कर खीर का भोग लगाया गया। श्रीमन्न नारायण प्रन्यास मंडल की ओर से सीकर रोड परसरामनगर स्थित श्रीमन्न नारायण धाम में शरद पूर्णिमा महोत्सव पुरुषोत्तम भारती के सान्निध्य में मनाया गया। ठाकुरजी श्रीलक्ष्मी नारायण जी को खीर का भोग लगाया गया।