scriptशशि थरूर ने दी cm गहलोत को सीख, सचिन को कहा था गद्दार, निकम्मा, नाकारा | Shashi Tharoor gave a lesson to Cm Ashok Gehlot about Sachin pilot | Patrika News

शशि थरूर ने दी cm गहलोत को सीख, सचिन को कहा था गद्दार, निकम्मा, नाकारा

locationजयपुरPublished: Jan 22, 2023 11:27:40 am

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गहलोत को सीख देते हुए कहा कि किसी बात पर मतभेद हो तो भी उसे अलग तरह से कहने का तरीका होना चाहिए। साथियों के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना गलत है, वो तो दूसरी पार्टी के लोगों को भी ऐसा नहीं कहेंगे। थरूर ने राजस्थान में गहलोत की ओर से पायलट को लेकर गद्दार, निकम्मा, नाकारा जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लेकर पूछे एक एक सवाल का जवाब देते हुए यह सीख दी।

fdsafd.jpg

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत करने पहुंचे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने गहलोत को सीख देते हुए कहा कि किसी बात पर मतभेद हो तो भी उसे अलग तरह से कहने का तरीका होना चाहिए। साथियों के लिए इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना गलत है, वो तो दूसरी पार्टी के लोगों को भी ऐसा नहीं कहेंगे। थरूर ने राजस्थान में गहलोत की ओर से पायलट को लेकर गद्दार, निकम्मा, नाकारा जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लेकर पूछे एक एक सवाल का जवाब देते हुए यह सीख दी।

टकराव हर पार्टी की हकीकत
उन्होंने कहा कि हमारे देश में सभी को लिखने की फ्रीडम होनी चाहिए,लेकिन इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इससे किसी का नुकसान नहीं हो। जब उनसे पूछा गया कि केरल में आप और वेणु गोपाल, राजस्थान में गहलोत और सचिन के बीच टकराव चल रहा है तो उन्होंने कहा कि ये हर पार्टी की हकीकत है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जो आज पोजिशन में नहीं है वो छोटा है।
लोकतंत्र में हर इंसान को अपनी बात रखने का अधिकार है। अगर कोई राजनेता अपनी राय व्यक्त करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वो कोई दबाव डाल रहा है। वहीं जब हम अपने साथियों के बारे में बोलते हैं तो सोच समझ कर बोलना चाहिए। वो अपनी ही नहीं दूसरी पार्टी के राजनेताओं का भी अपमान नहीं करना चाहेंगे।
उनका मानना है कि हम सभी को अपने पास्ट को खंगालने की जरूरत है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप रोमांस पर लिखने की सोच रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उनकी एक किताब जिसका नाम राइट था, उसमें रोमांस भी था। कई साल से उपन्यास नहीं लिखा है, अभी लिखने के लिए काफी कुछ है। जब आप लोग मुझे राजनीति से बाहर भेज देंगे तो शायद मैं ऐसा कुछ लिखूं।

राजस्थान में गहलोत और सचिन के बीच टकराव
उन्होंने कहा कि हमारे देश में सभी को लिखने की फ्रीडम होनी चाहिए,लेकिन इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि इससे किसी का नुकसान नहीं हो। जब उनसे पूछा गया कि केरल में आप और वेणुगोपाल, राजस्थान में गहलोत और सचिन के बीच टकराव चल रहा है तो उन्होंने कहा कि ये हर पार्टी की हकीकत है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि जो आज पोजिशन में नहीं है वो छोटा है।
लोकतंत्र में हर इंसान को अपनी बात रखने का अधिकार है। अगर कोई राजनेता अपनी राय व्यक्त करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वो कोई दबाव डाल रहा है। वहीं जब हम अपने साथियों के बारे में बोलते हैं तो सोच समझ कर बोलना चाहिए। वो अपनी ही नहीं दूसरी पार्टी के राजनेताओं का भी अपमान नहीं करना चाहेंगे।
उनका मानना है कि हम सभी को अपने पास्ट को खंगालने की जरूरत है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप रोमांस पर लिखने की सोच रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उनकी एक किताब जिसका नाम राइट था, उसमें रोमांस भी था। कई साल से उपन्यास नहीं लिखा है, अभी लिखने के लिए काफी कुछ है। जब आप लोग मुझे राजनीति से बाहर भेज देंगे तो शायद मैं ऐसा कुछ लिखूं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो