65 वर्षीय केसर देवी ने बताया कि उनका घर स्कूल से महज सौ मीटर दूरी पर है। मगर पोती को अकेले छोडऩे में डर लगता है।वारदात के बाद तो पोती को अकेले छोडऩे का सोच भी नहीं सकती। इसीलिए सुबह भी स्कूल खुद ही छोडऩे आती हैै और दोपहर साथ लेकर ही घर जा रही हैं।
वहीं एक अन्य महिला राजकुमारी ने बताया कि उनकी बेटी दसवीं कक्षा में है। यों तो वह अकेली घर आ सकती है, लेकिन लड़कियां सड़क पर सुरक्षित नहीं हैं। बेटी के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं घटे, इसीलिए कुछ दिनों वह स्कूल लाने-जाने स्वयं ही आ रही हैं।
सात व चार वर्षीय बच्ची से रेप की घटना पर केसर देवी और राजकुमारी ने कहा कि उस दरिंदे को तो सरेआम चौराहे पर गोली से मार देना चाहिए। वह सीन बाकी लोग भी देखें और दूसरों को भी सबक मिले।
दरिंदे को मिले जल्द सजा 11वीं कक्षा की छात्रा अलिजा, शाहिदा और फरजाना स्कूल परिसर में ही परिजनों का इंतजार कर रही थी। छात्राओं ने बताया कि पहले तो वे तीनों साथ में स्कूल आ जाती थी। तीन दिन से घरवाले छोडऩे आ रहे हैं। वहीं मासूम बच्चियों से रेप के मामले पर तीनों एक स्वर में बोलीं कि उस दरिंदे को तो फांसी जल्द से जल्द होना चाहिए।