चैत्र कृष्ण अष्टमी 15 मार्च शाम 6:45 बजे तक रहेगी। ऐसे में 15 मार्च को लोकपर्व बास्योड़ा मनाया जाएगा। इस दिन सुबह शीतला माता को ठंडे पकवानों का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद घर—घर ठंडे पकवान ही खाए जाएंगे। बास्योड़ा पर शीलता माता को ठंडा भाेजन अर्पित कर चेचक आदि बीमारियों से परिवार को बचाने की प्रार्थना की जाएगी। शीतला माता की पूजा-अर्चना करने के साथ महिलाएं व्रत भी रखेंगी। महिलाएं तडक़े गीत गाते हुए पत्थवारी पूजेगी और शीतला माता के मंदिरों में भीगे हुए मूंग, मोठ, चने, पुआ-पकौड़ी, दही, राबड़ी सहित विभिन्न ठंडे पकवानों का भोग लगाएंगी। नवविवाहिताएं विशेष तौर पर कंडवारा लेकर मंदिर जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पं. चन्द्रमोहन दाधीच ने बताया कि शीतलाष्टमी को ठंडा भोजन खाने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक तथ्य है। शीतल व ठंडे व्यंजनों ने मां शीतला प्रसन्न होती है और श्रद्धालुओं को निरोग होने का वरदान देती है। शीतला अष्टमी पर ठंडा खाना खाने की परंपरा है। यह समय शीत ऋतु के जाने का और ग्रीष्म ऋतु के आने का समय है। इस दौरान मौसमी बीमारियां होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। शीतला अष्टमी पर ठंडा खाना खाने से मौसमी बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। इस दिन महिलाएं शीतला माता की पूजा-अर्चना कर परिवार और बच्चों की सलामती व घर में सुख, शांति के लिए प्रार्थना करेंगी।
इस समय करें माता की पूजा
ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री ने बताया कि शीतला अष्टमी इस बार 15 मार्च को मनाई जाएगी। इस दिन सुबह 6.40 बजे से 9.40 बजे तक लाभ व अमृत के चौघडिया रहेगा। ऐसे में इस बीच शीतला माता की पूजा-अर्चना करना सुख-समृद्धिदायक होगा।
बाजार में हुई खरीदारी
शीतला अष्टमी को लेकर सोमवार को बाजारों में मिट्टी के बर्तन और अन्य पूजन सामग्री खरीदी गई, मंगलवार को भी खरीददारी होगी। शील की डूंगरी में भरेगा मेला
चाकसू स्थित शील की डूंगरी स्थित शीतला माता के मंदिर में परंपरागत मेला भरेगा। मंदिर श्री शीतला माता ट्रस्ट के महामंत्री लक्ष्मण प्रजापति ने बताया कि 14-15 मार्च को दो दिन मेला भरेगा। जयपुर एवं आसपास के जिलों के हजारों श्रद्धालु मेले में आएंगे। शीतलाष्टमी को घरों में चूल्हे नहीं जलेंगे।