जोशी ने राज्य सभा में पूर्व सभापति भैरों सिंह शेखावत के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि शेखावत जब राज्यसभा के सभापति थे तो उन्होंने भी इस तरह की व्यवस्था लागू की थी, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जा सकें। इस पर प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया (gulab chand kataria) ने कहा कि हम अध्यक्ष की भावना का सम्मान करते हैं। प्रश्नकाल के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जाएं, यह मंशा स्वागत योग्य है, लेकिन केवल मूल प्रश्नकर्ता ही पूरक प्रश्न करें, यह परिपाठी गलत है। यदि ऐसा है तो प्रश्न पूछने की जगह सीधे ही जवाब प्रश्नकर्ता को चले जाएं तो और समय बचेगा।
उन्होंने सुझाव दिया की विधानसभा अध्यक्ष प्रश्न की प्रकृति तय करें कि प्रश्न विधानसभा क्षेत्र का है, संभाग का है या प्रदेश से संबंधित है। अध्यक्ष प्रश्न की गंभीरता के आधार पर अन्य दो सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने की इजाजत दें। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि इस पर अलग से चर्चा की जा सकती है। अध्यक्ष के आश्वासन के बाद दोनों पक्षों के बीच गतिरोध समाप्त हो गया और भाजपा विधायकों ने प्रश्नकाल में प्रश्न पूछने शुरू कर दिए।