scriptशेखावत ने राज्यसभा में जो व्यवस्था लागू की, वह राजस्थान में लागू होते ही विरोध में उतरे भाजपा विधायक | Shekhawat's rule in the Rajya Sabha was implemented in Rajasthan as op | Patrika News

शेखावत ने राज्यसभा में जो व्यवस्था लागू की, वह राजस्थान में लागू होते ही विरोध में उतरे भाजपा विधायक

locationजयपुरPublished: Jul 25, 2019 01:33:10 am

Submitted by:

vinod

राजस्थान विधानसभा (vidhan sabha) में प्रश्नकाल (prashnakal) में पूरक प्रश्न नहीं पूछने देने से नाराज भाजपा विधायक (bjp vidhayak) का गतिरोध आखिरकार सात दिन बाद स्पीकर की पहल पर खत्म हुआ। अध्यक्ष सी.पी. जोशी (cp joshi)ने कहा कि यह व्यवस्था राज्य सभा (rajya sabha) में पूर्व सभापति भैरों सिंह शेखावत (bhairon singh shekhawat) के कार्यकाल में लागू थी

शेखावत ने राज्यसभा में जो व्यवस्था लागू की, वह राजस्थान में लागू होते ही विरोध में उतरे भाजपा विधायक

विधानसभा भवन (फाइल फोटो)

प्रश्नकाल में पूरक प्रश्न नहीं पूछने देने से नाराज थे भाजपा विधायक
सात दिन बाद विधानसभा में गतिरोध खत्म, माने भाजपा विधायक

जयपुर। राज्य सभा (rajya sabha) में पूर्व सभापति भैरों सिंह शेखावत (bhairon singh shekhawat) ने एेसी व्यवस्था लागू की थी कि सांसद प्रश्नकाल (prashnakal) में पूरक प्रश्न (purak prashna) नहीं पूछ सकते थे। इसके पीछे उनकी मंशा यह थी कि जिससे ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जा सकें। यही व्यवस्था राजस्थान विधानसभा (vidhan sabha) अध्यक्ष सी.पी. जोशी (cp joshi) ने जब यहां विधानसभा में लागू की तो भाजपा विधायक (bjp vidhayak) विरोध में उतर आए और प्रश्नकाल का बहिष्कार करना शुरू कर दिया। गत सात दिन से यह गतिरोध बना हुआ था। विपक्ष लगातार प्रश्नकाल का बहिष्कार कर रहा था।
विधानसभा में बुधवार को अध्यक्ष सी.पी. जोशी की अपील के बाद पूरक प्रश्न पूछने को लेकर गत एक सप्ताह से चल रहा भाजपा विधायकों का विरोध समाप्त हो गया। गतिरोध समाप्त होने के बाद भाजपा विधायकों की ओर से सदन में प्रश्नकाल के दौरान प्रश्न पूछे गए और कार्रवाई सुचारू रूप से शुरू हुई।
प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से पूरक प्रश्न को लेकर अपना विरोध समाप्त कर प्रश्न करने का आग्रह किया। अध्यक्ष जोशी ने विधानसभा के नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मेरा इरादा गलत नहीं है। मैं चाहता हूं कि प्रश्नकाल के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जाएं। फिर भी पूरक प्रश्न पूछने को लेकर यदि कोई समस्या है तो पक्ष और प्रतिपक्ष के नेता सुझाव दें, हम इस व्यवस्था में परिवर्तन भी कर सकते हैं।
जोशी ने राज्य सभा में पूर्व सभापति भैरों सिंह शेखावत के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि शेखावत जब राज्यसभा के सभापति थे तो उन्होंने भी इस तरह की व्यवस्था लागू की थी, ताकि ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जा सकें। इस पर प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया (gulab chand kataria) ने कहा कि हम अध्यक्ष की भावना का सम्मान करते हैं। प्रश्नकाल के दौरान ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछे जाएं, यह मंशा स्वागत योग्य है, लेकिन केवल मूल प्रश्नकर्ता ही पूरक प्रश्न करें, यह परिपाठी गलत है। यदि ऐसा है तो प्रश्न पूछने की जगह सीधे ही जवाब प्रश्नकर्ता को चले जाएं तो और समय बचेगा।
उन्होंने सुझाव दिया की विधानसभा अध्यक्ष प्रश्न की प्रकृति तय करें कि प्रश्न विधानसभा क्षेत्र का है, संभाग का है या प्रदेश से संबंधित है। अध्यक्ष प्रश्न की गंभीरता के आधार पर अन्य दो सदस्यों को पूरक प्रश्न पूछने की इजाजत दें। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि इस पर अलग से चर्चा की जा सकती है। अध्यक्ष के आश्वासन के बाद दोनों पक्षों के बीच गतिरोध समाप्त हो गया और भाजपा विधायकों ने प्रश्नकाल में प्रश्न पूछने शुरू कर दिए।
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