एफआईआर भी अज्ञात व्यक्ति के नाम दर्ज हुई थी। इसके अलावा घटनास्थल के संबंध में भी गवाहों के विरोधाभासी बयान हैं। वह 19 साल का विद्यार्थी है और सिर्फ कुत्ता घुमाने को लेकर पूर्व में हुई कहासुनी को आधार बनाकर फंसाया गया है। ऐसे में उसे जमानत दी जाए। जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी की निशानदेही पर मृतका के घर से लूटा गया सामान बरामद किया गया था। इसके अलावा मृतका की हत्या करने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इसलिए आरोपी की जमानत याचिका खारिज की जाए।
अवकाशकालीन पीठ के न्यायाधीश सतीशकुमार शर्मा ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि भले ही आरोपी का नाम एफआईआर में नहीं है, लेकिन जांच में आरोपी की निशानदेही से मृतका के घर से लूटा गया सामान बरामद हुआ है। आरोपी पर अकेली रह रही वृद्धा की नृशंस हत्या कर सामान लूटने का आरोप है। ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
गौरतलब है कि शिप्रापथ थाना इलाके में रहने वाली विद्या देवी की हत्या कर शव को रेलिंग से बांधा गया था। मामले में पुलिस ने पडोसी कृष्णकांत को गिरफ्तार कर लूटा गया सामान बरामद किया था।