गंभीर रोगों से सुरक्षा और संतान के सुख, सौभाग्य की कामना लिए यह व्रत किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित के अनुसार शीतला सातम पर माता शीतला को ठंडे और बासी भोजन का भोग लगाया जाता है और उसी भोजन को ग्रहण किया जाता है। यही कारण है कि शीतला सातम से एक दिन पहले ही विभिन्न पकवान और भोजन तैयार कर लेते हैं। इस दिन ठंडे पानी से ही स्नान करने और ठंडी चीजों का सेवन करने की भी परंपरा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश शर्मा बताते हैं कि शीतला सातम के दिन माता शीतला को आटे का दीपक बिना जलाए ही अर्पित किया जाता है। इस दिन झाडू और सूप खरीदकर इनकी पूजा करें। शीतला सातम के दिन पशु—पक्षियों को भोजन दें, किसी भी जानवर को परेशान न करें। इस दिन खासतौर पर गधे को चारा खिलाना शुभ माना जाता है। दरअसल माता शीतला का वाहन गर्दभ ही है, इसलिए उनकी प्रसन्नता के लिए गधे की सेवा करना चाहिए।