ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि ज्येष्ठ के महीने में सूर्य वृष और मिथुन राशियों में रहता है। इस दौरान सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन भी होता है। साथ ही इस बार ज्येष्ठ माह में अन्य अहम ज्योतिषीय घटना होंगी। इस महीने जहां देवगुरू बृहस्पति वक्री होंगे वहीं शुक्र का राशि परिवर्तन होगा। इस माह सूर्यग्रहण भी होगा। ज्येष्ठ महीने में ही शिव कृपा प्राप्त करने का रुद्र व्रत भी बाता है।
ज्येष्ठ महीने के दोनों पक्षों की अष्टमी तिथि और दोनों चतुर्दशी तिथि पर रुद्र व्रत किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि इस व्रत को करने से हर तरह के पाप समाप्त हो जाते हैं। इस दिन गाय की पूजा कर उसे चारा खिलाएं। ज्येष्ठ माह से प्रारंभ कर सालभर तक हर अष्टमी और चतुर्दशी तिथि को व्रत रखना चाहिए। व्रत के अंत में गाय के वजन के बराबर तिल का दान करने का विधान है।
इस दिन गौ दान करने का विशेष महत्व है। शिव कृपा प्राप्त करने के लिए यह सर्वश्रेष्ठ व्रत माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित एमकुमार शर्मा के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से भगवान शिव के आशीर्वाद से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। रुद्र व्रत करनेवालों को मौत के बाद शिवलोक प्राप्त होता है। इसलिए शिव भक्तों को यह व्रत जरूर करना चाहिए।