शिवसेना खेल सकती है बड़ा दाव
जयपुर, 8 नवंबर
महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच शिवसेना ने आरोप लगाया है कि भाजपा महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश में है। थोड़ी देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना नेता संजय राउत
Shiv Sena leader Sanjay Raut ने कहा कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी। अभी शिवसेना विधायक अभी होटल में रुके हुए हैं। बात बनती नजर नहीं आ रही है, इस बीच राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा शुरु हो गई कि सीएम पद को लेकर शिवसेना बड़ा दाव खेल सकती है। उसके महायुति से अलग होने की भी अटकलें लगाई जा रही है।
शिवसेना के नेताओं की एक अहम बैठक अभी सेना भवन में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही है। सबकी निगाहें इस बैठक पर है। शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने कहा है कि सीएम शिवसेना से ही होना चाहिए । हम उद्धव ठाकरे के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जब तक कोई निर्देश नहीं मिलेंगे वे होटल में ही रूके रहेंगे। सूत्रों के अनुसार कल रात को ये तय किया था कि कांग्रेस के सभी 44 विधायक जयपुर भेजा दिया जाए। वहां से उनको किसी रिसोर्ट में रूकवाने की व्यवस्था करें। जिससे इन विधायकों की खरीद फरोख्त की संभावना कम हो जाए। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद राज्यपाल को संवैधानिक पहलुओं पर विचार करना पड़ेगा अर्थात यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें 105 मिली थी जबकि शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी।
दूसरी तरफ भाजपा भी सरकार बनाने के हर संभव प्रयासों में जुटी है। केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नीतिन गड़करी को भी पार्टी ने मामला सुझलाने के लिए सक्रिय कर दिया है। शिवसेना 50-50 फॉर्मूले के तहत सीएम पद पर अड़ी है। वह चाहती है कि पहले ढाई साल तक शिवसेना का सीएम बनें बाकी ढाई साल भाजपा का। लेकिन भाजपा देवेन्द्र फडनवीस को ही पांच साल तक सीएम बनाना चाह रही है।