scriptपावर प्लांट्स में कोयले की कमी | Shortage of coal in power plants | Patrika News

पावर प्लांट्स में कोयले की कमी

locationजयपुरPublished: Sep 26, 2019 04:11:54 pm

Submitted by:

Sharad Sharma

केंद्र के एफडीआई के आदेश का विरोधकोयला खनन में सौ फीसदी विदेशी निवेश का है आदेशदेश में गहराएगा बिजली संकटप्रदेश में 700 मेगावाट बिजली का उत्पादन घटा

पावर प्लांट्स में कोयले की कमी

पावर प्लांट्स में कोयले की कमी

जयपुर। केंद्र सरकार के कोयला खनन में सौ फीसदी विदेशी निवेश के आदेश का खुलकर विरोध हो रहा है। इसके चलते कोल इंडिया सहित विभिन्न कोल खदानों में हड़ताल भी हो रही है। इसके कारण कोयले की कमी हो रही है जिसका देश व प्रदेश में बिजली उत्पादन पर खासा असर पड़ा है। राजस्थान में दो प्रमुख पावर प्लांट कोटा थर्मल और सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट ने कमी को देखते हुए चार इकाइयों में उत्पादन बंद कर दिया है। इससे करीब 700 मेगावाट या एक करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन कम हो गया है।
कोटा और सूरतगढ़ पावर प्लांट में बंद हुई चार इकाइयां
पिछले मंगलवार को कोल इंडिया और अन्य संबंधित इकाइयों के मजदूरों ने हड़ताल शुरू की थी। इससे प्रदेश को मिलने वाले कोयले की सप्लाई में अच्छी-खासी कमी हो गई है। इसको देखते हुए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम ने प्रदेश के दो बड़े पावर प्लांट कोटा और सूरतगढ़ थर्मल पावर में चार इकाइयों में उत्पादन बंद कर दिया है। इसमें सूरतगढ़ की 250-250 मेगावाट की दो और कोटा थर्मल की 110-110 मेगावाट की दो इकाइयां शामिल हैं। इन इकाइयों से प्रदेश को प्रतिदिन करीब एक करोड़ यूनिट से अधिक बिजली मिल रही थी। केंद्रीय पावर प्लांट की भी करीब डेढ़ दर्जन इकाइयां बंद की गई है। मुख्य रूप से औरेया की चार, अंता की छह, दादरी की पांच और सिंगरौली की एक इकाई को बंद किया गया है।
भामस का हड़ताल को समर्थन नहीं
हड़ताल से कोल इंडिया लिमिटेड और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड की खदानों में काम पूरी तरह से ठप हो गया है। इन खदानों में कोयले का उत्पादन और लदान बिल्कुल बंद है। श्रम संगठन कोयला निकासी क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को अपने पूर्ण स्वामित्व में कारोबार की अनुमति देने की नीति का विरोध कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र की इन दोनों कोयला कंपनियों में सक्रिय पांच महासंघों हड़ताल की है। कुल पांच लाख से अधिक कोयला श्रमिक इनके सदस्य हैं। देश के कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का 8 प्रतिशत योगदान है। हड़ताल से इस कंपनी को एक दिन में 15 लाख टन कोयला उत्पादन का नुकसान हुआ है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बद्ध श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएसएस) संगठनों की हड़ताल से अलग है।
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