सूचना पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों को पकडऩे के लिए ए श्रेणी की नाकाबंदी करवाई, लेकिन देर रात तक बदमाशों का पता नही चला है। उधर, इस वारदात के बाद एक बार फिर पुलिस की लचर व्यवस्था सामने आई है। पुलिस अब आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुट गई है।
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वारदात मांगियावास स्थित निजी कंपनी में काम करने वाले मुनीम नरेश सैनी और रामसिंह के साथ हुई। नरेश और रामसिंह रुपयों से भरे दो बैग लेकर कंपनी कार्यालय से थोड़ी दूरी पर रहने वाले चालक को देने जा रहे थे। एक बैग में 45 लाख रुपए थे, जबकि दूसरे बैग में 8 लाख रुपए थे। ऑफिस से कुछ दूर ही वह पहुंच पाए थे, इसी दौैरान बाइक और स्कूटी पर आए बदमाशों ने बैग छीनना शुरू कर दिया। झीना झपटी के बाद बदमाशों ने नरेश सैनी को गोली मार दी। गोली लगने से नरेश घायल हो गए जमीन पर गिर गए। वहीं रामसिंह के साथ हुई झीना झपटी में आठ लाख रुपयों से भरा बैग बदमाश नही ले जा पाए।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने बदमाशों को पकडऩे के लिए ए श्रेणी की नाकाबंदी करवाई, लेकिन देर रात तक बदमाशों का पता नही चल पाया। मौके पर एडिशनल कमिश्नर लक्ष्मण गौड़, डीसीपी (साउथ) योगेश दाधीच सहित कई अधिकारी मौजूद थे। पुलिस अब आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालने में जुट गई है। पुलिस का मानना है कि जिस तरह से बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया है, उससे ऐसा लगता है उन्होंने पहले रैकी की थी और उन्हें पैसे ले जाने की पूरी जानकारी थी। पुलिस सभी एंगल को ध्यान में रखकर जांच करने में जुटी हुई है।