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अमृतसिद्धि योग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

locationजयपुरPublished: Aug 08, 2019 08:15:07 pm

Submitted by:

rajendra sharma

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी पर 24 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ( ShreeKrishna Janmashtami ) मनाई जाएगी। इस दिन शनिवार और रोहिणी नक्षत्र ( Rohini Star ) के साथ अमृतसिद्धि योग रहेगा। श्रीकृष्ण का जन्म अमृतसिद्धि योग होगा। अमृतसिद्धि योग सूर्याेदय से लेकर अगले दिन 25 अगस्त को तड 4 बजे तक रहेगा। इससे पहले शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास शुरू हो गया है। मुख्य आयोजन 24 अगस्त को होगा, इस दिन मध्यरात्रि 12 बजे गोविंदाभिषेक होगा।

ShreeKrishna Janmashtami

अमृतसिद्धि योग में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी ( ShreeKrishna Janmashtami ) शनि रोहिणी ( rohini ) अमृतसिद्धि योग ( Amrut siddhi yoga ) में मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण का जन्म भी शनिवार को रोहिणी नक्षत्र और अमृतसिद्धि योग में होगा। हालांकि इस दिन अष्टमी ( Ashtami ) तिथि सूर्याेदय से सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र व अमृत सिद्धि योग देानों साथ-साथ शुरू होंगे, जो सूर्याेदय के साथ सुबह 6 बजकर 6 मिनट पर शुरू होंगे और अगले दिन 25 अगस्त को तडक़े 4 बजकर 15 मिनट तक रहेंगे।

चौसठ महंत भोग दर्शन

महोत्सव में गुरुवार को शाम ग्वाल झांकी से संध्या झांकी तक पहली बार चौसठ महंत भोग दर्शन का विशेष आयोजन हुआ। इसके अन्तर्गत गौड़ीय संप्रदाय के अब तक के 64 महंतों का भावपूर्वक आह्वान कर प्रसाद ग्रहण करने का भाव दर्शाया गया। सभी के आसन लगाकर भोग, वस्त्र, दक्षिणा समर्पित की गई। इसके बाद श्री गौरांग महाप्रभु मंडल की ओर से भजन संध्या हुई।

मध्यरात्रि में गोविंदाभिषेक

प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि मुख्य आयोजन 24 अगस्त को होगा। मध्यरात्रि 12 बजे गोविंदाभिषेक होगा। 25 अगस्त को सुबह 9.15 बजे से नंदोत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन शाम 4 बजे गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली जाएगी।

उल्लास शुरू

गोविंद के दरबार कृष्ण जन्म का उल्लास शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास शुरू हो गया है। मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि 8 से 23 अगस्त तक मंदिर में विभिन्न मंडलों की ओर से संकीर्तन, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। शाम को फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी। भजन गायक अलग-अलग दिन भजन और नृत्य की जुगलबंदी प्रस्तुत करेंगे। निजी विद्यालयों के बच्चे कृष्ण लीला का सजीव मंचन करेंगे।
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