छठ पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। संतान की लंबी उम्र की कामना से ये कठिन व्रत किया जाता है। खास बात यह है कि इस बार पर्व के दौरान कई शुभ संयोग बन रहे हैं। सूर्य पूजा के इस पर्व के दौरान सबसे ज्यादा सूर्यदेव ही मेहरबान दिख रहे हैं। इस बार चारों दिन रवियोग बन रहा है। यहां तक कि पर्व की शुरुआत ही रवियोग में हो रही है।
छठ पर्व में सूर्य देव को अर्घ्य दिए जाते हैं। मुख्य पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन होती है जिसमें ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। दूसरे दिन यानि कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन सुबह सूर्योदय के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार सांध्य अर्घ्य और उषा अर्घ्य दोनों ही रवियोग में ही दिए जाएंगे।
18 नवंबर को सूर्योदय से लेकर सुबह 10.40 बजे तक रवियोग बना था। इसी प्रकार 19 नवंबर को सुबह 9:40 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक रवियोग रहेगा। 20 नवंबर को तो पूरे दिन रवियोग रहेगा और 21 नवंबर को सुबह 9:55 बजे तक रवियोग योग बना रहेगा। रवि योग बहुत शुभ योग माना जाता है। इसमें सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्यता प्राप्त होती है।