भारत के कोने-कोने में प्रतिदिन होने वाली भजन संध्याओं में श्याम नाम का गुणगान होता है। कलियुग में होने वाले चमत्कारों के चलते देश आैर दुनिया के लाेगाें की बाबा में आस्था है। अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के तीन शहर हैदराबाद, कराची तथा पसनी में बाबा श्याम के मंदिर हैं। एकादशी पर 19 मार्च को इन तीनों ही जगहों पर मेला लगता है। खाटूधाम में मेले के दौरान लाखों भक्त दर्शनार्थ आते हैं। मगर पाकिस्तान के इन मंदिरों में भक्तों की संख्या हजारों में ही है। वहां हिन्दू ही नहीं मुस्लिम भी बाबा श्याम के भक्त हैं।
कराची के रणछोड़ शहर में स्थित श्याम मंदिर के पुजारी प्रदीप एडिवाल ने बताया कि इस मंदिर को बने करीब 9 साल हो गए। हैदराबाद में श्याम मंदिर की स्थापना को तकरीबन 26 वर्ष हो गए और पुजारी आशानंद यहां बाबा श्याम की सेवा करते हैं। वहीं पसनी में श्याम मंदिर किशोर बाबा श्याम की पूजा अर्चना करते है। पाकिस्तान में स्थित श्याम मंदिरों में आयोजित होने वाले मेले के दौरान लखदातार का भव्य शृंगार कर रथयात्रा निकाली जाती है। यात्रा में भारी संख्या में श्याम भक्त हिस्सा लेते हैं और हाथों में श्याम ध्वजा लेकर ढोल ताशों पर श्याम भजन गाते हुए रंग गुलाल उड़ाते हैं।
कुछ दशक पहले बाबा श्याम के हजारों में श्याम भक्त फाल्गुनी लक्खी मेले के दौरान आते थे। आज बाबा के चमत्कारों के कारण प्रसिद्धी इतनी बढ गई है कि राेज यहां भक्ताें की कतार लगी रहती है। हिन्दू धर्म के अनुसार, खाटू श्याम जी कलियुग में कृष्ण के अवतार हैं, जिन्होंने कृष्ण से वरदान प्राप्त किया था कि वे कलियुग में उनके नाम श्याम से पूजे जाएंगे। भगवान कृष्ण बर्बरीक के महान बलिदान से काफ़ी प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलियुग का अवतरण होगा, तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे। तुम्हारे भक्तों का केवल तुम्हारे नाम का सच्चे दिल से उच्चारण मात्र से ही उद्धार होगा। यदि वे तुम्हारी सच्चे मन और प्रेम-भाव से पूजा करेंगे तो उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी और सभी कार्य सफल होंगे।