ये काम हुए मगर फायदा नहीं : करीब 111 हैक्टेयर में फैले इस पार्क का शिलान्यास अगस्त 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने किया था। जेडीए और वन विभाग को इसे 7.5 करोड़ रुपए में विकसित करना है। अब तक हुए कार्यों में पार्क की चारदीवारी बन चुकी है। अंदर दो किमी लम्बाई में कच्चा टै्रक बना हुआ है लेकिन ऊबड़-खाबड़ होने के कारण लोग इस पर चलने से बचते हैं। वाहनों के लिए पार्किं ग स्थल बनाए गए हैं। पार्क में 10 से अधिक पोंड हैं लेकिन उनमें पानी नहीं है। लोगों का कहना है कि सिंचाई के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं है।
कई कॉलोनियों के बीच यह एकमात्र पार्क है। शुरुआत में तो तेजी से काम हुआ लेकिन बाद में धीमा पड़ गया। न सुरक्षा गार्ड हैं, न पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था है। जितेंद्र पंचोली
दो-ढाई साल पहले लगाए गए पौधे पानी नहीं होने के कारण सूख चुके हैं। उन पौधों के अब पोस्टर ही बचे हैं। बदहाली के कारण लोगों में मायूसी है। विनोद शर्मा चारदीवारी तो बना दी लेकिन सुविधाएं अब तक विकसित नहीं हुईं। रात में तो पार्क में जाने से डर लगता है। झूले लग जाएं तो बच्चों को घुमाने राजापार्क नहीं ले जाने पड़ेगा।
राजीव शर्मा