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कोरोना काल में सोने से ज्यादा चमक रही है चांदी

locationजयपुरPublished: Jul 16, 2020 06:34:42 pm

कोरोना काल ( Corona period ) में औद्योगिक गतिविधियों ( industrial activities ) के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी ( silver ) की चमक अब सोने ( gold ) से भी ज्यादा बढ़ गई है। वायदा बाजार ( futures market ) में भी चांदी के भाव सात साल की नई ऊंचाई पर पहुंच गए है। औद्योगिक मांग ( industrial demand ) बढऩे की उम्मीदों से सोने के मुकाबले ांदी कुछ ज्यादा चमकदार बन गई है। सर्राफा कारोबारियों ( Bullion traders ) का कहना है कि इस समय निवेशकों का रुझान सोने से कहीं ज्यादा चांदी की तरफ है।

कोरोना काल में सोने से ज्यादा चमक रही है चांदी

कोरोना काल में सोने से ज्यादा चमक रही है चांदी

जयपुर। कोरोना काल में औद्योगिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी की चमक अब सोने से भी ज्यादा बढ़ गई है। वायदा बाजार में भी चांदी के भाव सात साल की नई ऊंचाई पर पहुंच गए है। औद्योगिक मांग बढऩे की उम्मीदों से सोने के मुकाबले ांदी कुछ ज्यादा चमकदार बन गई है। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि इस समय निवेशकों का रुझान सोने से कहीं ज्यादा चांदी की तरफ है।
सर्राफा बाजारों में चांदी का भाव 2013 के बाद 53,000 रुपए प्रति किलो के ऊपर चल रहा है, जबकि सोने का भाव इस समय ५०,000 रुपए प्रति दस ग्राम के ऊपर चल रहा है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 19 डॉलर प्रति औंस के ऊपर है, जबकि सोना 1800 डॉलर प्रति औंस के ऊपर चल रहा है। बाजार के जानकार बताते हैं कि सोना और चांदी के भाव का अनुपात फिर घटता जा रहा है जो इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी की तरफ निवेशकों का रुझान बढ़ा है।
कोरोना काल में सोने-चांदी की निवेश मांग बढऩे से घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इनके दाम में जबरदस्त तेजी आई है और अब दुनियाभर में धीरे-धीरे लॉकडाउन खुलने से औद्योगिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने से चांदी की चमक सोने के मुकाबले ज्यादा बढ़ गई है।
इंडिया बुलियन एवं ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने कहा कि चांदी औद्योगिक धातु है और लॉकडाउन खुलने से उद्योग में इसकी मांग बढऩे की उम्मीदों से कीमतों में तेजी देखी जा रही है। हालांकि उनका कहना है कि सोने का भाव ऊंचाई से थोड़ा टूटा है, जो क्षणिक गिरावट है मगर आगे तेजी का रुख बना हुआ है।
सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि 2013 में जब चांदी का भाव 70,000 रुपए प्रति किलो से ऊपर उछला था तब सोना और चांदी के भाव का अनुपात घटकर 31 आ गया था, जबकि इस साल मार्च में यह अनुपात ऐतिहासिक उंचाई 127 पर चल चला गया, लेकिन फिर अनुपात घटकर 93 के करीब आ गया है जो इस बात का संकेत है कि सोने के बजाय चांदी में निवेशकों का रुझान बढ़ रहा है। चांदी में आई जोरदार तेजी की मुख्य वजहों में कोरोना के प्रकोप के चलते कीमती धातुओं के प्रति निवेशकों का रुझान है। वहीं, चांदी की औद्योगिक मांग भी हमेशा बनी रहती है।

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