scriptचांदी सिल्ली चोरी मामले में अब खुलकर सामने आया पूरा राज…. शेखर अग्रवाल की कहानी हम में से कई की.. | Silver Theft Big Case in Jaipur | Patrika News

चांदी सिल्ली चोरी मामले में अब खुलकर सामने आया पूरा राज…. शेखर अग्रवाल की कहानी हम में से कई की..

locationजयपुरPublished: Apr 09, 2021 02:02:54 pm

Submitted by:

JAYANT SHARMA

शेखर सी कहानी हम में से कई लोगों की हैं, जो इस दलदल में बुरी तरह से फंसे हुए हैं।

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जयपुर
कहावत है कि… ओछी पूंजी धणीं ने खावे… । कुछ यही हुआ शेखर अग्रवाल के साथ…। परिवार और दोस्त समझाते रहे कि सोने चांदी का काम पर्याप्त है जीवन अर्जन के लिए लेकिन उसके बाद भी शेखर कम पूंजी होने के बाद भी बुलियान कारोबार में उतरा और अपनी कम पूंजी को डूबते हुए बचाने के लिए दांव पर दांव खेलता गया। कुछ लाख रुपए लगाकर उनसे करोड़ों बनाने के चक्कर मे अपने कुछ लाख रुपए भी डूब गए और कर्जा हो गया सो अलग। उसके बाद भी वह नहीं माना। जब परिवार, दोस्तों ने रुपए उधार देना बंद कर दिया तो मोटे ब्याज पर साथी कारोबारियों से रुपया लेने लगा और कर्ज की दलदल में फंसकर सत्तर साल पुराना नाम और रसूख बर्बाद कर लिया। मामा के साथ भांजे की भी बेहद कम उम्र में अपराध की डायरी खुल गई। शेखर सी कहानी हम में से कई लोगों की हैं, जो इस कर्ल की दलदल में बुरी तरह से फंसे हुए हैं।
बड़ी चौपड़ पर सैंकड़ों कारोबारीए लेकिन बुलियान में काम करने पूरे दस भी नहीं
बड़ी चौपड़ पर सोने चांदी का काम करने वाले सालों पुराने व्यापारियों ने बताया कि बुलियान छलावा है। कुछ देता है तो बहुत कुछ ले भी लेता है। चौपड़ और आसपास के क्षेत्र में सोने चांदी का काम करने वाले ज्वैलर सैंकडों की संख्या में है। अधिकतर जेवर बनाकर बेचने का काम करते हैं और कुछ जेवर गिरवी रखकर रुपए भी देते हैं। लेकिन सिर्फ आठ से दस कारोबारी ही बुलियान के काम मे दखल रखते हैं। उनमें से भी अधिकतर पर कर्ज है।
70 साल पहले दादा ने शुरु की थी फर्मए पिता ने भी संभालीए लेकिन कभी पुलिस नहीं आई
शेखर की फर्म के पास ही स्थित एक अन्य ज्वैलर ने बताया के शेखर के दादा ने करीब सत्तर साल पहले यह मुख्य फर्म खोली थी। उसके बाद कई सालों तक पिता बैठे और अच्छा व्यापार चला। एक फर्म से कई फर्म बनीं लेकिन पिछले तीन से चार साल में पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों का आना जाना शुरु हो गया। करीब दो साल पहले शेखर के एक अन्य भांजे की भी संदिग्ध मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि उसी समय ईडी का छापा भी पडा था। कर चोरी समेत अन्य शिकायतें पहुंची थीं। उसके बाद से पुलिस का आना जाना भी शुरु हो गया।

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