दिमागी रुप से कमजोर थी आरती, इलाज करते रहे… अब काफी हद तक सुधार
अपना घर आश्रम की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताए कि एक माह पहले बझेरा स्थित अपना घर आश्रम में लखनऊ के अपना घर आश्रम से 35 वर्षीय आरती को लाया गया। उस समय आरती की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इनका अपना घर आश्रम में उपचार किया गया और काउंसलिंग की गई। मानसिक स्थिति थोड़ी ठीक होने पर आरती ने अपने घर का पता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बताया।आरती द्वारा अपने घर का पता बताने के बाद अपना घर आश्रम की टीम ने आरती के परिजनों से संपर्क किया और उनके भाई शिवकुमार से बात हुई। शिवकुमार को उनकी बहन के जीवित होने की सूचना दी, जिसके तुरंत बाद बुधवार को शिवकुमार अपनी बहन को लेने अपना घर आश्रम पहुंच गए।
अपना घर आश्रम की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताए कि एक माह पहले बझेरा स्थित अपना घर आश्रम में लखनऊ के अपना घर आश्रम से 35 वर्षीय आरती को लाया गया। उस समय आरती की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इनका अपना घर आश्रम में उपचार किया गया और काउंसलिंग की गई। मानसिक स्थिति थोड़ी ठीक होने पर आरती ने अपने घर का पता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बताया।आरती द्वारा अपने घर का पता बताने के बाद अपना घर आश्रम की टीम ने आरती के परिजनों से संपर्क किया और उनके भाई शिवकुमार से बात हुई। शिवकुमार को उनकी बहन के जीवित होने की सूचना दी, जिसके तुरंत बाद बुधवार को शिवकुमार अपनी बहन को लेने अपना घर आश्रम पहुंच गए।
सात साल पहले हुई थी लापता
आरती के भाई शिवकुमार ने बताया कि मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से 7 साल पहले आरती अपने ससुराल से लापता हो गई। आरती को कई साल तक ढूंढा। लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला। आखिर में थक हार कर परिजनों ने आरती के मिलने की उम्मीद छोड़ दी। लेकिन अब अचानक से अपना घर आश्रम से आरती के जीवित और स्वस्थ होने की सूचना मिली। आरती ने बताया कि वो 7 साल बाद अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाएगी। भाई से मिलने की खुशी आरती के चेहरे पर साफ झलक रही थी। बबीता गुलाटी ने बताया कि आरती के लिए यह रक्षाबंधन खुशियां लेकर आया है।
आरती के भाई शिवकुमार ने बताया कि मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से 7 साल पहले आरती अपने ससुराल से लापता हो गई। आरती को कई साल तक ढूंढा। लेकिन कहीं कोई पता नहीं चला। आखिर में थक हार कर परिजनों ने आरती के मिलने की उम्मीद छोड़ दी। लेकिन अब अचानक से अपना घर आश्रम से आरती के जीवित और स्वस्थ होने की सूचना मिली। आरती ने बताया कि वो 7 साल बाद अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाएगी। भाई से मिलने की खुशी आरती के चेहरे पर साफ झलक रही थी। बबीता गुलाटी ने बताया कि आरती के लिए यह रक्षाबंधन खुशियां लेकर आया है।