भीलवाड़ा .डरा नहीं, प्रभु की स्तुति में मन लगाया। कभी भजन गाए, तो कभी सुने। किसी भी पल नहीं लगा कि हमें वैश्विक महामारी कोरोना ने जकड़ रखा है। महात्मा गांधी चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में दवा से अधिक असरकारक वहां के चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की आत्मीयता रही। उपचार के बाद कोरोना से मुक्त होकर घर लौटे बृजेश बांगड़ मेमोरियल हॉस्पिटल आइसीयू के वार्ड ब्वॉय पिंटू (27) ने पत्रिका से यह बात कही।
कैसे जीती जंग : आइसोलेशन वार्ड में बिताए पलों को साझा करते हुए पिंटू ने बताया कि चिकित्सा टीम हमेशा उत्साहित करती रही। हंसी-मजाक भी करती थी। यहां खाना व सुविधा भी बेहतर थी।
क्या महसूस किया
16 व 17 मार्च को हल्का बुखार व बदन में जकडऩ रही। 20 को कोरोना पॉजिटिव आने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा। यहां 14 दिन उपचार चला। वार्ड में अस्पताल के 9अन्य नर्सिंगकर्मी भी थे। महामारी झेलने से अधिक पीड़ा पिंटू को इस बात की रही कि उसके कारण परिजनों को भी परेशानी झेलनी पड़ी।
कोरोना संदिग्ध महिला की मौत
भीलवाड़ा. यहां एमजीएच के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना संदिग्ध महिला की शुक्रवार को मौत हो गई। रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि पॉजिटिव थी या नेगेटिव। पुलिस ने कोरोना गाइडलाइन के अनुसार अंतिम संस्कार कराया। गोदान का झोंपड़ा निवासी 40 वर्षीय महिला को खांसी-बुखार व सिरदर्द की शिकायत पर परिजन गुरुवार रात जहाजपुर अस्पताल लाए, जहां से भीलवाड़ा रैफर कर दिया। यहां कोरोना संदिग्ध मानते हुए इलाज शुरू किया। सैम्पल रिपोर्ट आती उससे पहले शुक्रवार सुबह महिला ने दम तोड़ दिया।
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