सरकार कर रही अपनी तैयारी
टिड्डी चेतावनी संगठन इनसे निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जोधपुर में संगठन का ऑफिस बनाया गया है साथ ही, 10 अलग.अलग इलाकों में लोकल ऑफिस खोले गए हैं। टिड्डी के कंट्रोल के लिए राजस्थान में जयपुर, अजमेर, दौसा और चित्तौडग़ढ़ अस्थायी बेस कैंप खोले गए हैं।
प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों में सेना और बीएसएफ की मदद ली जा रही है । बीएसएफ की मदद से टिड्डी पर कंट्रोल के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टिड्डी पर कंट्रोल के लिए रोजाना ट्रक या ट्रैक्टर पर लगे स्प्रेयर, ट्रैक्टरों और फायर टेंडर से स्प्रे किया जा रहा है। साथ ही जैसलमेर में हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है जिसकी मदद इन पर नियंत्रण करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रोन से मार रहे टिड्डी
इसके अलावा टिड्डियों का ड्रोन से खात्मा करने के लिए 5 कंपनियों को ठेका दिया गया है। कंपनियों ने जोधपुर और बाड़मेर में काम भी शुरू कर दिया है। अब तक जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर और नागौर में 12 ड्रोन तैनात किए जा चुके हैं। ड्रोन लंबे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों को कवर करने के लिए प्रभावी हैं। एक ड्रोन एक घंटे में 16 से 17 हेक्टेयर क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकता है। अभी १३ ड्रोन और तैनात किए जाने हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब टिड्डियों को मारने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। जोधपुर में टिड्डी मारने का काम मुंबई की हेला इंफ्राटेक और ओमनी प्रजेंट के हवाले है। बीकानेर में ये काम आयोटेक एग्रीवेशन नाम की कपंनी कर रही है। बाड़मेर में प्राइम यूएवी नाम की कंपनी को ड्रोन के जरिए टिड्डी दल को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि जैसलमेर में टिड्डी दल पर ड्रोन से हमले का काम जनरल एरोनॉटिक्स नाम की कंपनी को दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश में कुल 2142 ट्रैक्टर और 46 फायर ब्रिगेड वाहन भी इसी काम में लगे हुए हैं।
टिड्डी चेतावनी संगठन इनसे निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जोधपुर में संगठन का ऑफिस बनाया गया है साथ ही, 10 अलग.अलग इलाकों में लोकल ऑफिस खोले गए हैं। टिड्डी के कंट्रोल के लिए राजस्थान में जयपुर, अजमेर, दौसा और चित्तौडग़ढ़ अस्थायी बेस कैंप खोले गए हैं।
प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों में सेना और बीएसएफ की मदद ली जा रही है । बीएसएफ की मदद से टिड्डी पर कंट्रोल के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टिड्डी पर कंट्रोल के लिए रोजाना ट्रक या ट्रैक्टर पर लगे स्प्रेयर, ट्रैक्टरों और फायर टेंडर से स्प्रे किया जा रहा है। साथ ही जैसलमेर में हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है जिसकी मदद इन पर नियंत्रण करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
ड्रोन से मार रहे टिड्डी
इसके अलावा टिड्डियों का ड्रोन से खात्मा करने के लिए 5 कंपनियों को ठेका दिया गया है। कंपनियों ने जोधपुर और बाड़मेर में काम भी शुरू कर दिया है। अब तक जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर और नागौर में 12 ड्रोन तैनात किए जा चुके हैं। ड्रोन लंबे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों को कवर करने के लिए प्रभावी हैं। एक ड्रोन एक घंटे में 16 से 17 हेक्टेयर क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकता है। अभी १३ ड्रोन और तैनात किए जाने हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है जब टिड्डियों को मारने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। जोधपुर में टिड्डी मारने का काम मुंबई की हेला इंफ्राटेक और ओमनी प्रजेंट के हवाले है। बीकानेर में ये काम आयोटेक एग्रीवेशन नाम की कपंनी कर रही है। बाड़मेर में प्राइम यूएवी नाम की कंपनी को ड्रोन के जरिए टिड्डी दल को खत्म करने की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि जैसलमेर में टिड्डी दल पर ड्रोन से हमले का काम जनरल एरोनॉटिक्स नाम की कंपनी को दिया गया है। इसके अलावा प्रदेश में कुल 2142 ट्रैक्टर और 46 फायर ब्रिगेड वाहन भी इसी काम में लगे हुए हैं।