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Divyang: स्किलिंग से दिव्यांगों को मिल सकती है मदद

locationजयपुरPublished: Nov 18, 2020 09:36:39 am

महामारी ( tensions ) के बाद उपजे तनाव और बदलाव ने समूचे माहौल और शिक्षा के बुनियादी ( education infrastructure ) ढांचे में एक बड़ा अंतराल उत्पन्न कर दिया है, जिसका पेशेवरों और छात्रों को सामना करना पड़ रहा है। इससे समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गों में कई चुनौतियों और अंतरालों का खुलासा हुआ है। टेक्नोलॉजी ( Technology ) विशेष रूप से मौजूदा माहौल के साथ तालमेल बैठाने में जुट गई है और सभी क्षेत्रों और वर्गों के लिए पहुंच और कनेक्टिविटी की चुनौती का सामना करने के प्रयास कर रही है।

Divyang: स्किलिंग से दिव्यांगों को मिल सकती है मदद

Divyang: स्किलिंग से दिव्यांगों को मिल सकती है मदद

जयपुर। महामारी के बाद उपजे तनाव और बदलाव ने समूचे माहौल और शिक्षा के बुनियादी ढांचे में एक बड़ा अंतराल उत्पन्न कर दिया है, जिसका पेशेवरों और छात्रों को सामना करना पड़ रहा है। इससे समाज के सभी क्षेत्रों और वर्गों में कई चुनौतियों और अंतरालों का खुलासा हुआ है। टेक्नोलॉजी विशेष रूप से मौजूदा माहौल के साथ तालमेल बैठाने में जुट गई है और सभी क्षेत्रों और वर्गों के लिए पहुंच और कनेक्टिविटी की चुनौती का सामना करने के प्रयास कर रही है। हालांकि, दिव्यांग पहले से ही, बहुत लंबे समय से अलगाव और बहिष्कार का सामना कर रहे हैं। तकनीकी ज्ञान और इस तरह के ज्ञान की पहुंच में आसानी से अलग तरह की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। दिव्यांगों के लिए कई अनुकूल प्रौद्योगिकियों के आगमन ने उन्हें क्षेत्रों में नए कैरियर के अवसरों का पता लगाने में सक्षम बनाया।
सरकार ने बड़े संगठनों के साथ विभिन्न ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू किए है, जो उद्योग उन्मुख है, जिनमें ऑनलाइन नामांकन किया जा सकता है। जो दिव्यांग तकनीकी रूप से सुदृढ़ नहीं है, उनके लिए इन कार्यक्रमों ने कठिन चुनौती पेश कर दी है। इसके अलावा, शारीरिक रूप से और सामाजिक अड़चनों के कारण मदद न मिल पाना और दूसरों पर निर्भरता भी उनकी मुश्किले बढ़़ाती रही है। हालांकि, एडेप्टिव एंड असिस्टेंट टेक्नोलोजीज दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने में योगदान दे रही है। हाल ही में घोषित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में चार वर्षीय स्नातक डिग्री में कई प्रवेश और निकास विकल्पों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। तकनीकी शिक्षा पर जोर देने के साथ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने यह भी सुझाव दिया कि नए स्कूल पाठ्यक्रम में कक्षा 6 से व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा शामिल होनी चाहिए।
नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का कहना है कि अधिकांश संगठन और संस्थान अब इन उम्मीदवारों की बेहतर गतिशीलता के लिए सहायक तकनीक जैसे स्वचालित व्हीलचेयर, स्वचालित फ्लैट एस्केलेटर, साइट और साउंड टेक्नोलॉजी आदि को लागू कर रहे हैं। अन्य एडेप्टिव टेक्नोलॉजीज विभिन्न इंटरनेट ऑफ थिंग्स एप और उपकरण भी जैसे टेक्स्ट-टू-स्पीच, ऑन-स्क्रीन बोर्ड, टेक्स्ट-टू-स्पीच सिंथेसाइजर, मैग्नीफिकेशन एप्लिकेशनए स्क्रीन रीडर, इलेक्ट्रॉनिक पॉइंटिंग डिवाइस, वैकल्पिक कीबोर्ड, विजुअल आउटपुट के लिए कंप्यूटर और वॉयस आउटपुट, जो निशक्तजनों को स्वतंत्र रूप से काम या संवाद करने में मदद कर रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, कुल 1.46 करोड़ दिव्यांग आबादी में से 36 फीसदी दिव्यांग ही कार्यरत थे। हालांकि, अभी भी एक बहुत बड़े स्तर पर दिव्यांग लोग बेरोजगार है, जिन्हें सामाजिक समावेश के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। बेहतर करियर के अवसरों के लिए ऐसे मौके बनाए जा सकते हैं जो उन्हें रोजगार देते हुए आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएं।
ज्वैलरी डिजाइन और टेक्नोलॉजी
इस क्षेत्र में दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए एक शानदार कॅरियर अवसर है। आवश्यक योग्यताएं किसी भी स्ट्रीम से स्नातक होना और रचनात्मक कलाओं में एक अच्छी पकड़ होना आवश्यक है। रचनात्मक मस्तिष्क के लिए यह कॅरियर विकल्प डिजाइन और रचनात्मक समझ को नए अर्थ दे सकता है। यह कॅरियर अपने खुद के फ्रीलांस गहने डिजाइनिंग शुरू करने के लिए एक शानदार विकल्प प्रदान करता है। इस कॅरियर में कस्टमर हासिल करने के लिए ज्यादा गतिशीलता की जरूरत नहीं है बस अच्छे नेटवर्किंग कौशल की आवश्यकता है।
कंप्यूटर एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर इंजीनियर
विश्लेषणात्मक कौशल वाले लोगों के लिए यह एक अच्छा कॅरियर है। ऐसे लोग जो नई एप्लीकेशन और प्रोग्राम डिजाइन करना चाहते है, इसे अपना सकते हैं। कंप्यूटर अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर इंजीनियर के इच्छुक लोग संगठनों में प्रबंधन स्तर के पदों तक जा सकते हैं। कंप्यूटर एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पास मोबाइल एप्लिकेशन डवलपर, डेस्कटॉप एप्लिकेशन डवलपर, वेब डवलपर, ग्राफिक डिजाइनर, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर बनने जैसे कई कॅरियर विकल्प भी हैं। कंप्यूटर अनुप्रयोग में स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री, डिप्लोमा जैसे प्रोग्राम है। इस कॅरियर विकल्प में गतिशीलता की आवश्यकता नहीं है, लेकिन बुनियादी नेटवर्किंग और क्लाइंट सर्विसिंग की आवश्यकता होगी, जिसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रबंधित किया जा सकता है।
आर्किटेक्चर
एक पेशा और कॅरियर विकल्प है, जो लोक निर्माण विभाग, टाउन प्लानिंग और ड्राफ्ट्समैन या सीएडीडी डिजाइनरों में भूमिका पाने के इच्छुक लोगों के लिए उपयुक्त है। एक आर्किटेक्ट के जॉब की जिम्मेदारी आमतौर पर कार्यात्मक होती है और उसे क्लाइंट सर्विसिंग और नेटवर्किंग की आवश्यकता होती है। वास्तुकार की भूमिका में ग्राहकों की आवश्यकताओं के आधार पर एक परियोजना को डिजाइन करना भी शामिल होगा। इस प्रोफाइल के लिए हाई स्कूल में साइंस बैकग्राउंड की आवश्यकता होगी और इस विषय को एक प्रमुख पोस्ट-हाई स्कूल के रूप में चुना जा सकता है। प्रोजेक्ट को संभालने के लिए थोड़ी गतिशीलता और विस्तृत विवरणों की आवश्यकता होगी।
अन्य क्षेत्र
जिन्हें दिव्यांग कॅरियर विकल्प के रूप में चुन सकते हैं एक संगठन में सीएसआर मैनेजरए हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री, वर्चुअल टूर गाइड, तेजी से फल-फूल रहे मनोरंजन उद्योग में वॉयस ओवर आर्टिस्ट जैसे काम शामिल हैं। भले ही डिजिटल एक्सपोजर से इन सभी चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण पहलू जो किसी को नहीं भूलना चाहिए, वह यह कि इनके ऑल-राउंड ट्रेनिंग मॉड्यूल की भाषा ऐसी हो, जिसे प्रशिक्षकों के माध्यम से समझा और आसानी से उन्हें समझाया जा सके। सॉफ्ट स्किल, हार्ड स्किल के साथ एक डिफरेंटली-एबल्ड ट्रेन होना भी महत्वपूर्ण है, जिससे उन्हें अपने साथियों के साथ संवाद करने में फायदा हो और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। ऑनलाइन दुनिया में कई तकनीकी अनुप्रयोग उपलब्ध हैं, जो निशक्तजनों को बाहर की दुनिया के लिए अच्छी तरह से तैयार होने में मदद कर रहे हैं।
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