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क्वारंटीन में कंजूसी, मरीज बढ़ने लगे तो 13 हजार बैड पर लटक रहा ताला

locationजयपुरPublished: May 28, 2020 01:19:13 am

Submitted by:

Sunil Sisodia

क्वारंटीन सेंटर पर जेडीए ने कर दिए करोड़ों खर्च
अब खर्चा बचाने के लिए क्वारंटीन की जगह सरकार ने होम क्वारंटीन शुरू किया

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जयपुर।

कारोना पॉजिटिव मरीजों को क्वारंटीन करने में चिकित्सा विभाग अब कंजूसी कर रहा है। क्वारंटीन लोगों पर होेने वाले खर्च को कम करने के लिए अब होम क्वारंटीन पर जोर दिया जा रहा है। यही कारण है कि मरीज बढ़ने के बाद भी जेडीए के क्वारंटीन सेंटरों में पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या कम हो रही हैं। अब महज आठ सेेंटरों में 245 लोग ही क्वारंटीन हैं। हैरानी की बात है कि अप्रैल में मरीजों के संख्या बढ़ने के साथ ही जेडीए ने 13 हजार लोगों को क्वारंटीन करने के लिए महलां, नायला, बगराना और जयसिंहपुरा में जेडीए और आवासन मंडल के फ्लैट को तैयार कराया था। इतना ही नहीं यहां बिजली—पानी की इंतजाम करने के साथ कर्मचारी भी तैनात कर दिए गए। अब मई में मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी इन फ्लैट्स पर ताले लगा दिए गए हैं। यहां क्वारंटीन सेंटर शुरू तक नहीं किए गए हैंं।
500 से 1849 हुए मरीज फिर भी ढिलाई
बीते महीने पॉजिटिव मरीजों की बात करें तो करीब 500 पॉजिटिव केस सामने आए थे। अब इनकी संख्या तीन गुना हो गई है। अब मरीजों की संख्या बढ़कर 1849 हो गई है। इसके बाद भी क्वारंटीन लोगों के मामले में ढिलाई बरती जा रही है। बताया जा रहा है कि क्वारंटीन सेंटर में खर्च को कम करने के लिए अब लोगों को घरों पर ही क्वारंटीन के लिए शपथ पत्र भरवाया जा रहा है।

बड़े सवाल:

1. देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या मजदूर जयपुर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में जयपुर प्रशासन इन लोगों को होम क्वॉरंटीन कर रहा है, जबकि क्वॉरंटीन सेंटरों पर ताले लटक रहे हैं। ऐसे में इन सेंटरों का उपयोग किया जाए और प्रवासी श्रमिकों को यहां ठहराया जाए संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
2. राजधानी का हॉटस्पॉट बने परकोटा के रामगंज क्षेत्र से भी क्वॉरंटीन लोगों की संख्या दिन व दिन कम होती जा रही है, जबकि पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में चिकित्सा विभाग को क्वॉरंटीन करने के लिए इन जगहों का उपयोग करना चाहिए।
3. अभी अधिकतर क्वॉरंटीन सेंटर हॉस्टल और शिक्षण संस्थानों में संचालित हो रहे हैं। जुलाई से नए सत्र की शुरुआत होगी। ऐसे में जेडीए इनको मुक्त करने की तैयारी में हैं। इसके बाद भी इन क्वॉरंटीन सेंटर का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा।
जिन्हें होम क्वारंटीन किया उनकी मॉनिटरिंग अधूरी
चिकित्सा विभाग की ओर से जिन लोगों को होम क्वारंटीन किया जा रहा है। उनकी मॉनिटरिंग में भी लापरवाही की जा रही है। नियम के अनुसर होम क्वारंटीन करने वाले लोगों की आॅनलाइन ट्रैकिंग की जानी चाहिए। लेकिन लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं। कलक्ट्रेट के वॉर रूप में ऐसे ही कई शिकायतें आ रही है।
एक कारण गर्मी भी
क्वारंटीन सेंटर में लोगों को नहीं रखने के पीछे एक कारण गर्मी का भी निकलकर सामने आ रहा है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में बढ़ रही गर्मी के कारण क्वारंटीन सेंटर व्यवस्थाएं करना संभव नहीं था। फिलहाल की बात करें तो इन सेंटरों पर पंखे लगे हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को हवा—पानी के इंतजाम में आने वाले खर्चे को कम करने के लिए लोगों के होम क्वारंटीन पर ही जोर दिया जा रहा है।
यह है फ्लैट्स का स्थिति


बीएसयूपी बगराना : 3600

आवासीय योजना महलां : 4500

महात्मा गांधी दस्तकार योजना नायला : 2100

बीएसयूपी जयसिंहपुराखोर : 3000


क्वारंटीन सेंटर की स्थिति
4486 कुल रजिस्टर्ड लोग

1347 महिलाएं

2182 पुरुष

957 बच्चे

4149 डिस्चार्ज

वर्तमान की स्थिति

245 कुल भर्ती

135 पुरुष

53 महिला

57 बच्चे


चिकित्सा विभाग होम क्वारंटीन कर रहा है। हमने जरूरत के हिसाब से 13 हजार बैड तैयार किए थे। अब अगर क्वारंटीन सेंटर में लोगों को भेजा जाएगा तो हम उन्हें शुरू कर देंगे। –
टी रविकांत, जेडीसी
अब होम क्वारंटीन पर जोर दिया जा रहा है। लोगों को घर पर ही रोक कर संक्रमण चेन को तोड़ा जा रहा है। इससे काफी सुधार आ रहा है। –
नरोत्तम शर्मा, सीएमएचओ

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