बीते महीने पॉजिटिव मरीजों की बात करें तो करीब 500 पॉजिटिव केस सामने आए थे। अब इनकी संख्या तीन गुना हो गई है। अब मरीजों की संख्या बढ़कर 1849 हो गई है। इसके बाद भी क्वारंटीन लोगों के मामले में ढिलाई बरती जा रही है। बताया जा रहा है कि क्वारंटीन सेंटर में खर्च को कम करने के लिए अब लोगों को घरों पर ही क्वारंटीन के लिए शपथ पत्र भरवाया जा रहा है।
बड़े सवाल: 1. देश के विभिन्न हिस्सों से प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या मजदूर जयपुर आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में जयपुर प्रशासन इन लोगों को होम क्वॉरंटीन कर रहा है, जबकि क्वॉरंटीन सेंटरों पर ताले लटक रहे हैं। ऐसे में इन सेंटरों का उपयोग किया जाए और प्रवासी श्रमिकों को यहां ठहराया जाए संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।
चिकित्सा विभाग की ओर से जिन लोगों को होम क्वारंटीन किया जा रहा है। उनकी मॉनिटरिंग में भी लापरवाही की जा रही है। नियम के अनुसर होम क्वारंटीन करने वाले लोगों की आॅनलाइन ट्रैकिंग की जानी चाहिए। लेकिन लोग इसकी अवहेलना कर रहे हैं। कलक्ट्रेट के वॉर रूप में ऐसे ही कई शिकायतें आ रही है।
क्वारंटीन सेंटर में लोगों को नहीं रखने के पीछे एक कारण गर्मी का भी निकलकर सामने आ रहा है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में बढ़ रही गर्मी के कारण क्वारंटीन सेंटर व्यवस्थाएं करना संभव नहीं था। फिलहाल की बात करें तो इन सेंटरों पर पंखे लगे हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को हवा—पानी के इंतजाम में आने वाले खर्चे को कम करने के लिए लोगों के होम क्वारंटीन पर ही जोर दिया जा रहा है।
बीएसयूपी बगराना : 3600 आवासीय योजना महलां : 4500 महात्मा गांधी दस्तकार योजना नायला : 2100 बीएसयूपी जयसिंहपुराखोर : 3000
क्वारंटीन सेंटर की स्थिति
चिकित्सा विभाग होम क्वारंटीन कर रहा है। हमने जरूरत के हिसाब से 13 हजार बैड तैयार किए थे। अब अगर क्वारंटीन सेंटर में लोगों को भेजा जाएगा तो हम उन्हें शुरू कर देंगे। –
टी रविकांत, जेडीसी
नरोत्तम शर्मा, सीएमएचओ