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एसकेआरएयू: औद्योगिक क्षेत्र के अपशिष्ट पानी की समस्या से मिलेगी निजात

locationजयपुरPublished: Sep 19, 2020 06:05:22 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

एमओयू के तहत बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट,विश्वविद्यालय को नि:शुल्क मिलेगा शुद्ध पानी


स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में बीछवाल और करणी औद्योगिक क्षेत्र से आने वाले अपशिष्ट पानी एवं सोलिड वेस्ट की वर्षों पुरानी समस्या का शीघ्र समाधान होगा। इसके लिए रीको की ओर से बीछवाल ईको फ्रेंडली फाउण्डेशन और करणी बीकानेर एनवायरो फाउण्डेशन को जमीन नि:शुल्क उपलब्ध करवाई गई है। इस जमीन पर दोनों संस्थाओं की ओर से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। राज्य सरकार द्वारा इसकी राशि भी स्वीकृत कर दी गई है। यह कार्य एमओयू के तहत होंगे। इस पर चर्चा के लिए शनिवार को कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। बैठक में बीछवाल ईको फ्रेंडली फाउण्डेशन के अध्यक्ष कमल कल्ला एवं सचिव सतीश गोयल, करणी बीकानेर एनवायरो फाउण्डेशन के सचिव महेश कोठारी एवं सचिव गौरी शंकर सोमानी सहित विश्वविद्यालय के डीन.डायरेक्टर मौजूद रहे।
कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि पिछले लगभग बीस वर्षों से दोनों औद्योगिक क्षेत्रों की इकाईयों का अपशिष्ट पानी विश्वविद्यालय परिसर में जमा हो रहा है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति प्रभावित हुई है, वहीं आसपास के क्षेत्र में भयंकर दुर्गंध आती है। विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में इस समस्या के समाधान के लिए सतत प्रयास हुए हैं, लेकिन पिछले एक वर्ष के समन्वित प्रयासों के कारण अब इस समस्या का समाधान संभव हो सकेगा। उन्होंने इसके लिए रीको, करणी बीकानेर एनवायरो फाउण्डेशन एवं बीछवाल ईको फ्रेंडली फाउण्डेशन के पदाधिकारियों का आभार जताया।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय और दोनों संस्थाओं के मध्य अगले सप्ताह एमओयू किया जाएगा। इसके तहत दोनों संस्थाओं द्वारा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे तथा ट्रीटेड पानी विश्वविद्यालय को नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाएगा। यह पानी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि कार्य के लिए उपयोग में लिया जाएगा। इन संस्थाओं द्वारा सोलिड वेस्ट की लिफ्टिंग भी की जाएगी। पहले फेज में पांच वर्ष के लिए एमओयू होगा। बैठक के दौरान एमओयू की शर्तों पर चर्चा की गई।
बीछवाल ईको फ्रेंडली फाउण्डेशन के अध्यक्ष कमल कल्ला ने कहा कि इस एमओयू से औद्योगिक क्षेत्र और विश्वविद्यालय को लाभ होगा। एमओयू के बाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पानी के उपयोग से विश्वविद्यालय और आसपास के क्षेत्रों में पौधारोपण की संभावनाएं बढ़ेंगी। इससेे पर्यावरण संरक्षण के लिए उद्यमियों के सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को मूर्त रूप मिलेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल के लिए कुलपति प्रोफेसर सिंह का आभार जताया तथा उनका अभिनंदन किया। इससे पहले विशेषाधिकारी इंजीण् विपिन लढ्ढा ने अपशिष्ट पानी की समस्या और अब तक किए गए प्रयासों के बारे में बताया। बैठक में गृह विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. विमला डुंकवाल, अनुसंधान निदेशक डॉ. पीएस शेखावत, डॉ. एनएस दहिया,डॉ. एसआर यादव तथा उद्योग विभाग के सहायक निदेशक सुरेन्द्र कुमार मौजूद रहे।
आईटीआई में एडमिशन प्रक्रिया आरंभ
लेदर गुड्स मेकर और फुट वियर मेकर में कर सकेंगे आवेदन
आईटीआई जयपुर ने अगस्त 2020 में एनसीवीटी के तहत गैर अभियांत्रिकी कोर्स लेदर गुड्स मेकर और फुट वियर मेकर में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। प्रवेश के इच्छुक 8वीं पास अभ्यार्थी ऑनलाइन आवेदन फॉर्म ई मित्र सेंटर की मदद से जमा करवा सकेंगे। वहीं एससीवीटी के तहत अभियांत्रिकी व्यवसाय इलेक्ट्रिशियन में प्रवेश के लिए भी ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। 10वीं उत्तीर्ण इच्छुक अभ्यार्थी की आयु एक अगस्त 2020 को 14 साल या इससे अधिक होनी चाहिए। संस्थान में व्यक्तिगत रूप से आवेदन पत्र का प्रिंट, योग्यता दस्तावेज जैसे अंकतालिका, प्रमाणपत्र, मूल निवास और जाति प्रमाणपत्र आदि की फोटो कॉपी 30 सितंबर सुबह 11 बजे तक जमा करवाए जा सकेंगे। महिलाओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
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