जयपुर

सात घंटे से कम सोने वालों को दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा

रिसर्च: नींद की कमी हार्ट अटैक का आधिकारिक जोखिम कारक

जयपुरJul 04, 2022 / 03:56 am

Amit Purohit

सात घंटे से कम सोने वालों को दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा


वाशिंगटन. नींद की कमी अब हार्ट अटैक के आधिकारिक जोखिम कारक के रूप में सामने आई है। हृदय के स्वास्थ्य को मापने वाली अमरीकन हार्ट एसोसिएशन की चेकलिस्ट में अब नींद की कमी को भी रिस्क फैक्टर में जोड़ा गया है। अब इसे ‘लाइफ एसेंशियल 8’ का नाम दिया गया है। इसमें स्वस्थ नींद को कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक बताया गया है। हृदय स्वास्थ्य के लिए वयस्कों में प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद जरूरी बताई गई है। बच्चों की उम्र के अनुसार यह ज्यादा भी हो सकती है। चेकलिस्ट में पिछले स्कोरिंग टूल का हिस्सा रहे 7 अन्य स्वास्थ्य और जीवनशैली कारक, निकोटिन, शारीरिक गतिविधि, आहार, वजन, ब्लड ग्लूकोज, कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप हैं। अमरीकन हार्ट एसोसिशन के प्रेसिडेंट डॉनल्ड एम लॉयड-जॉन्स ने ‘लाइफ एसेंशियल-8’ को जारी करते हुए कहा कि नींद हृदय ही नहीं बल्कि समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
मौतों की सबसे बड़ी वजह

हृदय रोग अमरीका व विश्व में मौत का पहला कारण है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत की दिल की बीमारी से होती है। कुछ साल पहले ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी में अनुमान लगाया गया था कि भारत में प्रति 1,00,000 की जनसंख्या पर 272 लोगों की मौत दिल की बीमारी से हुई थी वहीं वैश्विक औसत प्रति 1,00,000 लोगों पर 235 मौतों का है। 
यह है नींद की आदर्श अवधि

अब नींद की अवधि हृदय के स्वास्थ्य से जोड़ी गई है। इसे प्रति रात सोने के औसत घंटे से मापा गया है। नए अपडेट में वयस्कों के लिए आदर्श स्तर प्रतिदिन 7-9 घंटे है। बच्चों के लिए आदर्श दैनिक नींद की सीमा 5 और उससे कम उम्र के लिए 10-16 घंटे प्रति 24 घंटे है; 6-12 साल की उम्र के लिए 9-12 घंटे और 13-18 साल की उम्र के लिए 8-10 घंटे।
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